दो साल गुजर गए, बोर्ड बैठक हुई सिर्फ दो

सामाजिक दायरे को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन हुई उत्तराखंड दिव्यांग सलाहकार के बोर्ड बैठक में गंभीर विषय निकल कर आया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 03 Aug 2020 09:27 PM (IST) Updated:Mon, 03 Aug 2020 09:27 PM (IST)
दो साल गुजर गए, बोर्ड बैठक हुई सिर्फ दो
दो साल गुजर गए, बोर्ड बैठक हुई सिर्फ दो

जागरण संवाददाता, काशीपुर : सामाजिक दायरे को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन हुई उत्तराखंड दिव्यांग सलाहकार के बोर्ड बैठक में गंभीर विषय निकल कर आया। बताते हैं कि बोर्ड की बैठक छह महीने में एक बार होनी चाहिए जो कि अब तक दो सील बीत जाने के बाद भी सिर्फ दो बोर्ड बैठक हुई।

रविवार को उत्तराखंड राज्य दिव्यांग सलाहकार बोर्ड के सदस्यों के साथ सतीश चौहान ने बैठक में राज्यपाल को ज्ञापन सौंपते हुए बताया कि अक्टूबर में उत्तराखंड दिव्यांग सलाहकार बोर्ड का गठन हुआ था। उसके बाद अब तक दो सील बीत चुके हैं, लेकिन बोर्ड बैठक सिर्फ दो ही हो सकी। खास बात यह है कि नियम यह कहता है कि छह माह में एक बार बोर्ड बैठक होनी चाहिए। सदस्य सतीश बताते हैं कि नौ जुलाई 2019 को दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम संपूर्ण उत्तराखंड में पूर्णतया लागू है, लेकिन दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के अंतर्गत एक तीन जिलों में ही कमेटियों का गठन हो पाया है और उसमें भी दिव्यांगजन आयुक्त उत्तराखंड में लेटर जारी किया था कि दिव्यांगता के संबंधित सभी जिलों में सभी बैठकों में उस जिले से संबंधित सदस्य राज्य दिव्यांग सलाहकार बोर्ड के सदस्यों को आमंत्रित किया जाए, लेकिन हरिद्वार और देहरादून के समाज कल्याण अधिकारियों ने दिव्यांगजन आयुक्त उत्तराखंड के आदेश की अवहेलना करते हुए संबंधित जिले के जिला समाज कल्याण अधिकारियों ने राज्य दिव्यांग सलाहकार बोर्ड के सदस्यों को नहीं बुलाया। वहीं निदेशालय से बार-बार रिमाइंडर भेजने के ऊपर भी केंद्र की योजनाएं उत्तराखंड में लागू नहीं हो पा रही हैं। इस दौरान सतीश कुमार चौहान, अमित डोभाल, लक्ष्मण गौतम, कविदर कार्की, अनंत प्रकाश मेहरा, चंद्र मोहन, अनिल सक्सेना, सुरेंद्र रावत, श्वेता तिवारी, शेखर पंत आदि ने ऑनलाइन समस्याओं के निराकरण की मांग की है।

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