खनन माफिया ने वनकर्मी को वाहन से रौंद कर मार डाला

ऊधमसिंह नगर जिले में खनन माफिया ने बाजपुर-रामनगर की सीमा पर च्वालावन क्षेत्र में खनन से रोकने पर एक वन वीट वाचर को डंपर से रौंद कर मार डाला।

By BhanuEdited By: Publish:Sat, 25 Mar 2017 09:26 AM (IST) Updated:Mon, 27 Mar 2017 04:00 AM (IST)
खनन माफिया ने वनकर्मी को वाहन से रौंद कर मार डाला
खनन माफिया ने वनकर्मी को वाहन से रौंद कर मार डाला

बाजपुर, [जेएनएन]: ऊधमसिंह नगर जिले में खनन व लकड़ी माफिया बेखौफ हो गए हैं। खनन माफिया ने बाजपुर-रामनगर की सीमा पर च्वालावन क्षेत्र में खनन से रोकने पर एक वन वीट वाचर को डंपर से रौंद कर मार डाला। 

इधर गदरपुर में खैर तस्करों ने तीन वनकर्मियों की रायफल छीन बर्बरतापूर्वक पिटाई कर दी, जबकि बाजपुर के बरहैनी रेंज में अवैध खनन का दबाव बनाने के लिए फायरिंग कर वन कर्मियों को खदेड़ दिया। इन घटनाओं ने जिला थर्रा उठा है।

कांग्रेस शासनकाल में बड़े आकाओं की सिरपरस्ती में अवैध खनन किसी से छिपा नहीं था। नई सरकार का गठन होते ही खनन माफिया दोगुनी ताकत के साथ ऊधमसिंह नगर में फिर सिर उठा चुका है। ताबड़तोड़ हुईं तीन बड़ी घटनाएं इसका उदाहरण हैं। 

सबसे बड़ी घटना च्वालावन क्षेत्र की है। शुक्रवार की देर रात्रि वनवीट वाचर पहलवान सिंह अपने अन्य साथियों के साथ च्वालावन क्षेत्र में बैंतखेड़ी के पास गश्त पर थे। इस दौरान अवैध खनन होता देख पहलवान ने रोकना चाहा तो कि माफिया ने उस पर डंपर चढ़ा दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। 

हादसे की सूचना देने जा रहे साथी कर्मचारियों को माफिया ने बंधक बना लिया। एसडीओ बलवंत शाही ने बताया कि मृतक पहलवान सिंह पुत्र मांग सिंह क्षेत्र के केलावनवारी बेतखेड़ी का निवासी था। 

दूसरी घटना गदरपुर की है। जहां वन विभाग की टीम को मुखबिर से सूचना मिली कि ग्राम कुलवंत नगर के करीब दो दर्जन से भी अधिक वन तस्कर पीपली आरक्षित वन के कक्ष संख्या पांच में खैर की लकड़ी काट कार में भर रहे हैं। 

सूचना पर वन दरोगा धर्मेंद्र, राजेश कुमार, श्रीपाल ङ्क्षसह, प्रताप सिंह, दलीप सिंह, फौजा सिह गुरुवार की रात करीब दस बजे ग्राम कुलवंत नगर में पिपली वन सीमा में पहुंचे तो तस्कर कारों में लकड़ी भरते नजर आए। वन कर्मियों को देखते ही तस्कर फरार हो गए। 

टीम ने लकड़ी से भरी दो कारों को अपने कब्जे में ले लिया। वन विभाग की टीम आर्य नगर चौकी के समीप पहुंची तो वन तस्करों ने लाठी-डंडों एवं धारदार हथियारों से उन पर हमला बोल दिया और जमकर मारपीट की। सरकारी राइफल को भी छीन लिया। 

हमले में प्रताप सिंह, श्रीपाल सिंह और दिलीप सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए। बाद में सरकारी राइफल नाली में पड़ी मिली, लेकिन मैगजीन व चार कारतूस गायब थे। वन कर्मियों ने तस्करों की पहचान विजय, रवि, सन्नी पुत्र बलधारी, देव, विकास के रूप में की है। उधर बाजपुर में खनन के लिए फायरिंग कर वन कर्मियों को खदेड़ने की घटना से दहशत फैल गई है।  

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