जीजीआइसी की बालिकाओं ने सीखे आत्मरक्षा के गुर
बाजपुर में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत जीजीआइसी में 45 दिवसीय आत्मरक्षा शिविर को समापन हो गया है। शिविर में बालिकाओं ने आत्मरक्षा के गुर सीखे।
संवाद सहयोगी, बाजपुर : राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत जीजीआइसी में 45 दिवसीय आत्मरक्षा शिविर का समापन हो गया है। बालिकाओं ने शिविर में सीखे कराटे के करतबों का प्रदर्शन किया।
सोमवार को विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ पीएसबी निदेशक कुलदीप चौधरी, खंड शिक्षाधिकारी हवलदार प्रसाद व प्रधानाचार्या इंदिरा पांडेय ने किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुलदीप चौधरी ने कहा कि बालिकाओं की आत्मरक्षा को यह कला अति आवश्यक है। इस कला कि प्रशिक्षित बालिकाएं जहां अपनी आत्मरक्षा कर सकेंगी, वहीं इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी तलाश सकेंगी। उन्होंने इस विधा को बचाने के लिए सरकार के प्रयासों की सराहना की। बीईओ हवलदार प्रसाद ने कहा बालिकाओं के लिए आत्मरक्षा महत्वपूर्ण पहलू है।
प्रधानाचार्या इंदिरा पांडेय ने कहा कराटे आत्मरक्षा सबसे बड़ा हथियार है, इसे प्रत्येक छात्रा को सीखना चाहिए। मौजूदा दौर में इसकी सार्थकता और बढ़ गई है। कहा कि बालिकाएं इसे खेल के रूप में अपनाकर अपना व देश का नाम भी रोशन कर सकती हैं। बताया कि 45 दिवसीय शिविर में शितोरियू इप्पोन कराटे डू अकिटो इंटरनेशनल उत्तराखंड के महासचिव मिटू सैनी ने बालिकाओं को आत्मरक्षा के दांव-पेच सिखाए। बालिकाओं ने शिविर में सीखे कराटे के करतब दिखाकर सभी को आश्चर्यचकित कर दिया। कार्यक्रम का संचालन अध्यापिका गीता रावत ने किया। इस मौके पर एनएसएस प्रभारी परमजीत कौर, अनुराधा, विमला रावल, सुनीता कंबोज, शशिबाला, गीतांजलि, पूजा अग्रवाल, सुनीता डोबाल, रेनू चंद्रा, पूजा, सरिता आदि मौजूद थे। सभी ने छात्राओं के कराटे के करतबों की सराहना की और कहा कि इससे उनमें आत्मविश्वास का संचार होगा। उन्होंने उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।