युवाओं की आंखें हो रहीं कमजोर, ओपीडी में चश्मा लगवाने के लिए भीड़

जिला अस्पताल की ओपीडी में नेत्र रोग विशेषज्ञ के पास आंखों से सबंधित परेशानी लेकर पहुंचने वालों में युवाओं की संख्या सबसे अधिक बढ़ रही है। साथ ही मोतियाबिंद की शिकायत लेकर पहुंचने वाले बजुर्गों की संख्या भी काफी अधिक है। जिला अस्पताल में रोजाना 12 से 15 आपरेशन हो रहे हैं। बड़ी संख्या में लोग चश्मा टेस्ट कराए जाने के लिए भी पहुंच रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 30 Nov 2021 11:42 PM (IST) Updated:Tue, 30 Nov 2021 11:42 PM (IST)
युवाओं की आंखें हो रहीं कमजोर, ओपीडी में चश्मा लगवाने के लिए भीड़
युवाओं की आंखें हो रहीं कमजोर, ओपीडी में चश्मा लगवाने के लिए भीड़

जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : जिला अस्पताल की ओपीडी में नेत्र रोग विशेषज्ञ के पास आंखों से सबंधित परेशानी लेकर पहुंचने वालों में युवाओं की संख्या सबसे अधिक बढ़ रही है। साथ ही मोतियाबिंद की शिकायत लेकर पहुंचने वाले बजुर्गों की संख्या भी काफी अधिक है। जिला अस्पताल में रोजाना 12 से 15 आपरेशन हो रहे हैं। बड़ी संख्या में लोग चश्मा टेस्ट कराए जाने के लिए भी पहुंच रहे हैं।

नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. शिल्पा गुप्ता ने बताया कि बहुत देर तक कंप्यूटर और मोबाइल के प्रयोग से आंखों में जलन होने लगती है। गंभीरता न बरतने पर धीरे-धीरे आंखों की पास की ²ष्टि कमजोर हो जाती है। ऐसी परेशानी समझ में आने पर तत्काल नेत्र रोग विशेषज्ञ को दिखाना चाहिए। इन दिनों सबसे अधिक 35 से 40 वर्ष के युवा आंखों की परेशानी लेकर ओपीडी में पहुंच रहे हैं। डा. गुप्ता का कहना था कि समय रहते आंखों की जांच के साथ ही चश्मा लगाने से कुछ हद तक ²ष्टि को संतुलित रखने में सहायता मिलती है। इनसेट -------

मोतियाबिद के भी आ रहे मामले, रोजाना हो रहे अपरेशन

रुद्रपुर : जिला अस्पताल के सीएमएस और वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. पीके श्रीवास्तव ने बताया कि 55 वर्ष से ऊपर के लोगों में भी मोतियाबिद की शिकायत सामने आ रही है। रोजाना जिला अस्पताल में 10 से 12 आपरेशन किए जा रहे हैं। नेत्र रोग विशेषज्ञ का कहना था कि आंखों को धूल, तेज रोशनी से बचाए जाने की जरूरत है। साथ ही जलन या खुजली होने पर हाथों से रगड़ने के बजाय रूमाल से साफ करना चाहिए। यदि ड्राप डालने की जरूरत हो रही है तो डाक्टर की सलाह जरूर लें।

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