आयुर्वेद डाक्टरों को सर्जरी की अनुमति स्वास्थ्य से खिलवाड़

आयुर्वेदिक चिकित्सकों को सर्जरी की अनुमति देने पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की काशीपुर इकाई ने जताया विरोध।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 27 Nov 2020 04:53 PM (IST) Updated:Fri, 27 Nov 2020 06:47 PM (IST)
आयुर्वेद डाक्टरों को सर्जरी की अनुमति स्वास्थ्य से खिलवाड़
आयुर्वेद डाक्टरों को सर्जरी की अनुमति स्वास्थ्य से खिलवाड़

जागरण संवाददाता, काशीपुर : आयुर्वेदिक चिकित्सकों को सर्जरी की अनुमति देने पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) की काशीपुर शाखा ने विरोध किया है। रामनगर रोड पर आइएमए हाउस में एसोसिएशन के उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष डा. एके सिरोही ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए सीसीआइएम के इस फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि इसके गंभीर दुष्परिणाम होंगे।

डाक्टरों ने कहा कि सीसीआइएम की जारी अधिसूचना में स्नातकोत्तर परीक्षा उत्तीर्ण आयुर्वेद चिकित्सकों को खास प्रशिक्षण के बाद आपरेशन के जरिये चिकित्सा की अनुमति दी गई है। अधिसूचना में 58 तरह के आपरेशन करने की आयुर्वेद चिकित्सकों को अनुमति दी गई है। इनमें आंख, कान, नाक, गला, कई हड्डियों आदि के आपरेशन शामिल हैं। आइएमए ने कहा है कि नई व्यवस्था स्थापित करने में वह किसी तरह का सहयोग नहीं देगे। क्योंकि वह उसे उचित नहीं मानते। अगर लोगों को डाक्टर बनाने का यह छोटा रास्ता अपनाया गया तो फिर एनईईटी, नीट जैसी परीक्षा का क्या औचित्य रह जाएगा? इससे चिकित्सकों की पहचान और उनके सम्मान पर भी विपरीत प्रभाव पड़ेगा। पत्रकारों से वार्ता करते हुए डा. सिरोही ने कहा कि वह सीसीआइएम से अपने फैसले को वापस लेने का अनुरोध करते हैं। अगर वापस न लिया जाये तो फिर आयुष चिकित्सकों के लिए अलग से शल्य चिकित्सा के मापदंड व तरीके तय किए जाएं। जो प्राचीन तरीके का आधुनिक स्वरूप हों। आयुष चिकित्सकों को आधुनिक शल्य चिकित्सा के उस तरीके से न जोड़ा जाए जिसे एलोपैथी चिकित्सक प्रयोग में लाते हैं।

पत्रकार वार्ता के दौरान नरेश मेहरोत्रा, डा. डीके अग्रवाल, डा. रवि सिघल तथा डा. अनुराग वर्मा उपस्थित थे।

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