निजी विद्यालयों के नियम भी 'निजी'

संवाद सहयोगी, खटीमा : क्षेत्र में संचालित निजी विद्यालयों ने नियमों को भी निजी कर लिया है। सरकारी आद

By JagranEdited By: Publish:Thu, 30 Mar 2017 01:00 AM (IST) Updated:Thu, 30 Mar 2017 01:00 AM (IST)
निजी विद्यालयों के नियम भी 'निजी'
निजी विद्यालयों के नियम भी 'निजी'

संवाद सहयोगी, खटीमा : क्षेत्र में संचालित निजी विद्यालयों ने नियमों को भी निजी कर लिया है। सरकारी आदेश को दरकिनार कर वह अपने नियम ही अभिभावकों और बच्चों पर थोप रहे हैं। विद्यालयों में पहली से बारहवीं कक्षा तक एनसीईआरटी की पुस्तकें लागू हैं। बावजूद नर्सरी से कक्षा पांचवी तक के बच्चों को प्राइवेट पब्लिसर्स की किताबें ही खरीदने के लिए विवश किया जा रहा है।

शैक्षिक सत्र शुरू होने के पूर्व ही सरकार ने फरमान जारी किया था कि सरकारी, अ‌र्द्धसरकारी व निजी स्कूलों में बारहवीं तक एनसीईआरटी की किताबें लागू की जाएंगी। बावजूद, नए सत्र के लिए अभिभावकों ने बच्चों की पुस्तकें खरीदनी शुरू कर दी हैं। कई निजी स्कूलों में अभिभावकों को यह बताया जा रहा है कि केवल छठी से बारहवीं कक्षा तक ही एनसीईआरटी की पुस्तकें पढ़ाई जाएंगी। पांचवी तक के लिए एनसीईआरटी की पुस्तकें अनिवार्य नहीं हैं। इस बाबत अभिभावकों ने स्कूल संचालकों को सरकारी आदेश का हवाला भी दिया लेकिन उन्होंने ऐसे किसी आदेश को मानने से साफ इन्कार कर दिया। ऐसे में अभिभावकों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ रहा है।

===डिमांड तक नहीं बताई====

सरकारी आदेश के तहत सभी स्कूलों को यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया था कि उनके संस्थान में पुस्तकों की कितनी जरूरत है लेकिन किसी भी विद्यालय ने पुस्तकों की डिमांड तक नहीं भेजी।

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सभी स्कूलों में बारहवीं तक एनसीईआरटी की पुस्तकें लागू करने का आदेश प्राप्त हुआ, जिससे स्कूल संचालकों को अवगत कराया जा चुका है।

-सोनी महरा, खंड शिक्षाधिकारी

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