संडे बाजार-संडे बाजार पर सियासत गरम

काशीपुर। करीब 15 साल पहले किला मोहल्ले से नगर निगम प्रांगण में शिफ्ट हुए संडे बाजार पर सियासत गरम

By Edited By: Publish:Mon, 27 Jul 2015 11:22 PM (IST) Updated:Mon, 27 Jul 2015 11:22 PM (IST)
संडे बाजार-संडे बाजार पर सियासत गरम

काशीपुर।

करीब 15 साल पहले किला मोहल्ले से नगर निगम प्रांगण में शिफ्ट हुए संडे बाजार पर सियासत गरमा गई है। छोटे कद के बड़े नेताओं के आगे अधिकारी भी बेबस हैं। एक तरह से देखा जाए तो भाजपा-कांग्रेस ने बाजार शिफ्ट के मुद्दे को 'अहम' का मुद्दा बना लिया है। दोनों दल आमने-सामने आ गए हैं। सियासत के उतार-चढ़ाव में छोटे दुकानदार पिस रहे हैं।

बात नगर निगम प्रांगण से संडे बाजार शिफ्ट करने की नहीं है। इस मुद्दे पर कांग्रेस-भाजपा के नेताओं को सियासत करने का मौका मिल गया है। जो नेता यह कह रहे हैं कि संडे बाजार निगम के प्रांगण में लगने से बदमाशों का बोल-बोला बढ़ा है, शायद वह नेता एक दशक पूर्व के गैंगवार के दौर व उससे पूर्व के आंतकवाद के दौर को भूल गए, तभी संडे बाजार में 80 प्रतिशत बाहरी चोर उचक्कों के आने की बात कह रहे हैं। रविवार को संडे बाजार शिफ्ट होने, ना होने को लेकर जो हाईप्रोफाइल ड्रामा चला, उसने सियासत का पारा चढ़ गया है। 2017 के चुनाव के लिए वोटों की राजनीति होने की बात साफ झलक रही है। संडे बाजार शिफ्ट हो, इसका मुद्दा दो माह पहले भी उछला था। निगम में एमएनए का चार्ज संभालने के कुछ दिन बाद ही पूरन सिंह राणा ने संडे बाजार शिफ्ट जल्द करवाने की बात कही थी, एक बार तो गेट भी बंद कर दिया गया था। तब भी विवाद हुआ था। मामला तूल पकड़ने से पहले ही शांत हो गया था। इसके बाद शिफ्ट का मामला ठंडे बस्ते में चला गया था, लेकिन बाजार पर अब फिर सियासत गरमा गई है और हर किसी को राजनीति की रोटियां सेंकने का मौका मिल रहा है। बताते हैं कि निगम बोर्ड बैठक में संडे बाजार शिफ्ट होने के प्रस्ताव पर पार्षदों ने भी मंजूरी दी थी, लेकिन अब कुछ पार्षद राजनीति कर रहे हैं। निगम प्रांगण से बाजार शिफ्ट हो, ऐसा भाजपा के कुछ नेता, वहीं बाजार शिफ्ट न हो, ऐसा कांग्रेस के भी कुछ नेता चाह रहे हैं। रविवार से सोमवार तक जो बैठकें, धरने और वार्ताएं हुई हैं, उससे साफ झलक रहा है कि बाजार के मुद्दे को दोनों दलों के नेता कैश कराने की होड़ में लगे हुए हैं।

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इनसेट

मेयर-एमएनए आमने-सामने

- संडे बाजार के मुद्दे पर निगम की मेयर और एमएनए एक तरह से आमने-सामने आ चुके हैं, हालाकि एमएनए अभी स्पष्ट तौर से कुछ नहीं कह रहे हैं, लेकिन मेयर साफ तौर से बाजार शिफ्ट होने के समर्थन में खड़ी हैं।

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