टिहरी झील के पानी की जांच में मिला ये बैक्टरिया

टिहरी झील का पानी प्रदूषित है। जांच रिपोर्ट में ये बात सामने आर्इ है कि झील के पानी में टिहरी झील के पानी में ई-कोलाई बैक्टीरिया है।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Sun, 03 Dec 2017 04:52 PM (IST) Updated:Sun, 03 Dec 2017 09:02 PM (IST)
टिहरी झील के पानी की जांच में मिला ये बैक्टरिया
टिहरी झील के पानी की जांच में मिला ये बैक्टरिया

टिहरी, [जेएनएन]: गोमुख से निकलने वाली भागीरथी नदी का पानी टिहरी झील में आकर प्रदूषित हो रहा है। जल संस्थान ने बीते माह झील के पानी का सैंपल लेकर देहरादून स्थित लैब में भेजा था, जिसकी जांच के बाद झील के पानी में बैक्टीरिया मिलने की पुष्टि हुई। साथ ही पानी भी काफी मात्रा में गंदला मिला। हालांकि, जल संस्थान का दावा है कि उनके फिल्टर प्लांट में झील का पानी साफ कर नई टिहरी के लिए सप्लाई दी जा रही है। यह पानी पूरी तरह शुद्ध है। 

टिहरी झील के पानी से ही नई टिहरी समेत आसपास के क्षेत्रों में पीने के पानी की आपूर्ति होती है। झील में गंदगी के मद्देनजर पूर्व में जिलाधिकारी ने भी जल संस्थान को शहर में साफ पानी की आपूर्ति के निर्देश दिए थे। इसके बाद जल संस्थान ने पानी के सैंपल लिए। जांच रिपोर्ट के मुताबिक झील में चार कॉलोनी प्रति 100 एमएल के हिसाब से ई-कोलाई बैक्टीरिया पाए गए। जबकि मानकों के तहत पानी में बैक्टीरिया की संख्या शून्य होनी चाहिए। 

इसी तरह झील के पानी में 11.31 एनटीयू (नेफ्लोमीट्रिक टर्बिडिटी यूनिट) गंदलापन आया है। मानकों के हिसाब से पानी में पांच एनटीयू से कम गंदलापन होना चाहिए। हालांकि, जल संस्थान का कहना है कि झील में पानी का बहाव अवरुद्ध है और वहां पर पर्यटन गतिविधियां भी संचालित हो रही हैं। ऐसे में पानी में बैक्टीरिया पनप गए। लेकिन, भैंतोगी भागीरथीपुरम में बने जल संस्थान के फिल्टर प्लांट से साफ पानी की सप्लाई नई टिहरी के लिए की जा रही है। 

नई टिहरी में पानी की जो रिपोर्ट आई है, उसके हिसाब से पानी में बैक्टीरिया नहीं है। फिल्टर प्लांट में दवाओं के प्रयोग से पानी को साफ किया जा रहा है। इसी तरह डाइजर के प्राकृतिक स्रोत के पानी की रिपोर्ट भी सही आई है। 

पानी की शुद्धता को यह हों प्रयास 

-टिहरी झील में गिरने वाले गंदे नालों को रोका जाए 

-पर्यटन गतिविधियों के दौरान सफाई व्यवस्था का ध्यान रखा जाए 

-झील के पानी की सफाई के लिए बने ठोस व्यवस्था 

वहीं जल संस्थान के अधिशासी अभियंता सतीश नौटियाल ने बताया कि झील के रुके पानी में बैक्टीरिया मिला है, जिसकी मात्रा बेहद कम हैं। हमारे फिल्टर प्लांट और डाइजर स्रोत का पानी भी जांच में शुद्ध मिला है। हम लोगों को साफ पानी देने का पूरा प्रयास कर रहे हैं। टिहरी झील की सफाई की भी ठोस व्यवस्था होनी चाहिए। 

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