आपातकाल में छाम बाजार आए थे अटल बिहारी वाजपेयी

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को प्रकृति और मां गंगा से गहरा स्नेह था। सत्तर के दशक में देश में आपातकाल था उस दौरान अटल बिहारी वाजपेयी उत्तरकाशी घूमने आए थे।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Thu, 16 Aug 2018 08:44 PM (IST) Updated:Fri, 17 Aug 2018 08:51 AM (IST)
आपातकाल में छाम बाजार आए थे अटल बिहारी वाजपेयी
आपातकाल में छाम बाजार आए थे अटल बिहारी वाजपेयी

कंडीसौड़, टिहरी [जेएनएन]: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को प्रकृति और मां गंगा से गहरा स्नेह था। सत्तर के दशक में देश में आपातकाल था उस दौरान अटल बिहारी वाजपेयी उत्तरकाशी घूमने आए थे। इस दौरान वापसी में वह टिहरी बांध की झील में समा चुके उस वक्त के प्रमुख बाजार छाम में कुछ देर रुके थे और ग्रामीणों से वार्ता की थी।

जनसंघ से जुड़े छाम कंडीसौड़ निवासी 75 वर्षीय महिमानंद भट्ट बताते हैं कि उम्र ज्यादा होने के कारण उन्हें अटल जी के आने की तिथि याद नहीं है। उस वक्त देश में आपातकाल था और अटल बिहारी वाजपेयी उत्तरकाशी भ्रमण पर आए थे। इस दौरान वापसी में वह जब छाम पहुंचे तो उन्होंने अटल जी को कुछ देर रुकने के लिए कहा। इस पर अटल जी ने कुछ देर छाम में लोगों से बात की। उनके साथ उस वक्त कलराज मिश्र भी थे।

मौजूदा वक्त में देहरादून शास्त्रीनगर में रहने वाले महिमानंद भट्ट बताते हैं कि अटल जी ने अपने संबोधन में कहा था कि आप लोग तो गंगा जी की गोद में हैं। आप लोग गंगाजी के नक्काशी वाले पत्थरों को भी इसका करके बेचोगे तो वह भी आप के जीविकोपार्जन का साधन बनेंगे। इस दौरान उन्होंने कहा कि मां गंगा के किनारे रहने वाले लोग भाग्यशाली होते हैं।

इस दौरान बीस मिनट लगभग अटल जी छाम में रुके। उसके बाद वह आगे की ओर रवाना हो गए। महिमानंद ने बताया कि अटल बिहारी वाजपेयी महान शख्स थे और उनका योगदान कोई भी नहीं भूल सकता। अपनी बोलने की शैली और मधुर व्यवहार के कारण वह हर दल के राजनेताओं की पसंद थे। कोई भी उनका विरोधी नहीं था।

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