गांव-गांव में योग की अलख जगा रही रुद्रप्रयाग की संतोषी

रविन्द्र कप्रवान, रुद्रप्रयाग: जिले के सतेराखाल निवासी संतोषी गांव-गांव जाकर बच्चों, महिलाओं व वृ

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Jun 2018 11:22 PM (IST) Updated:Thu, 21 Jun 2018 11:22 PM (IST)
गांव-गांव में योग की अलख जगा रही रुद्रप्रयाग की संतोषी
गांव-गांव में योग की अलख जगा रही रुद्रप्रयाग की संतोषी

रविन्द्र कप्रवान, रुद्रप्रयाग:

जिले के सतेराखाल निवासी संतोषी गांव-गांव जाकर बच्चों, महिलाओं व वृद्धों में योग की अलख जगा रही हैं। पिछले सात वर्षो से वह जिले के दो सौ से अधिक गांवों में जाकर निश्शुल्क योग शिविर लगा चुकी है। इसमें जनता का भी उन्हें भरपूर साथ मिलता है।

चार भाई-बहिनों में तीसरे नंबर की इंटर पास सुपरी सतेराखाल, रुद्रप्रयाग जिला निवासी संतोषी बत्र्वाल की वर्ष 2009 में अचानक तबीयत खराब हो गई थी। तब वह उपचार के लिए पतंजलि योगपीठ आई थी। संतोष बताती हैं कि यहां पर लगभग एक वर्ष तक स्वास्थ्य लाभ लिया और वह स्वस्थ हो गई। यहीं से मन में ठान ली, जिस तरह उसका योग साधना से स्वास्थ्य ठीक हुआ है, उसी तरह वह गरीब जनता के बीच जाएंगी तथा योग की अलख सिखाएंगी, स्वास्थ्य के प्रति लोगों को सजग करेंगी, ताकि गरीब जनता को उपचार के लिए ज्यादा पैसा न खर्च करना पडे़।

वह प्रत्येक गांव में एक महिला को प्रशिक्षु के रूप में प्रशिक्षण भी देती हैं, ताकि गांव में उनके जाने के बाद भी निरंतर योग होता रहे। योग सीखने के लिए महिलाएं, बुजुर्ग, बच्चे समेत सभी वर्ग के लोग बड़ी संख्या में भाग ले रहे हैं। संतोष बताती हैं कि योग में मुख्य रूप से प्रणायाम, आसान, सूर्य नमस्कार, दंड-बैठक, वस्तिका, अनुलोम-विलोम, कपाल भांति, ब्राह्मी, उजाई, अग्निसार आदि करवाती हैं। योग को घर-घर तक पहुंचना उनका मिशन है।

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