जैविक खेती से आर्थिकी कमा रहे प्रवासी

जनपद के विभिन्न गांवों में प्रवासी बड़ी संख्या में लौटे हैं लेकिन रोजगार न होने से उनके सामने रोजी-रोटी का संकट है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Oct 2020 07:59 AM (IST) Updated:Mon, 26 Oct 2020 07:59 AM (IST)
जैविक खेती से आर्थिकी कमा रहे प्रवासी
जैविक खेती से आर्थिकी कमा रहे प्रवासी

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: जनपद के विभिन्न गांवों में प्रवासी बड़ी संख्या में लौटे हैं, लेकिन रोजगार न होने से उनके सामने रोजी-रोटी का संकट है। इन परिस्थितियों में जिले की मयकोटी ग्राम सभा के प्रधान जैविक खेती, पर्यटन के लिए प्रवासियों को प्रोत्साहित कर रहे हैं और कई युवाओं ने इस दिशा में कार्य शुरू कर दिया है। बैंक से ऋण दिलाने के लिए पत्रावलियां तैयार करने के साथ ही सरकार की ओर से दी जाने वाली विभिन्न योजनाओं की जानकारियां भी प्रधान प्रवासियों को उपलब्ध करा रहे हैं।

राज्य गठन को भले ही 19 साल हो गए, लेकिन राज्य में पलायन लगातार जारी रहा। गांव के गांव पलायन से खाली हो गए। कोरोना काल के दौरान प्रवासी बड़ी संख्या में गांवों को लौटे। इसी प्रकार जिले की अगस्त्यमुनि विकासखंड की मयकोटी ग्राम सभा में भी बड़ी संख्या में प्रवासी गांव लौटे। ग्रामसभा में करीब 48 प्रवासी गांव पहुंचे हैं। ये सभी दिल्ली, मुंबई और दुबई में नौकरी करते थे, परिवार भी साथ था। लेकिन, अब सभी गांव आ गए हैं। ग्राम सभा के प्रधान अमित प्रदानी सभी प्रवासियों को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। साथ ही सरकार की ओर से संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी भी दे रहे हैं। गांव आए सभी प्रवासियों ने जैविक खेती, पर्यटन, मुर्गी पालन, मत्स्य पालन समेत कई कार्य के लिए अपनी कार्ययोजना तैयार की है। जल्द ही गांव में प्रवासी स्वरोजगार से जुड़ जाएंगे। ग्राम मयकोटी के प्रधान अमित प्रदीनी बताते हैं कि गांव मे स्थायी रोजगार बढ़ाने की जरूरत है। गांव में रोजगार के लिए पर्यटन, जैविक खेती जैसी योजनाओं को बढ़ावा देना होगा। उत्तराखंड में अपार संभावनाएं हैं। कहा कि सभी प्रवासी गांव में जैविक खेती, पर्यटन, बागवानी, फलोत्पादन के लिए काफी उत्साहित हैं। जल्द गांव में प्रवासी नया जीवन शुरू करेंगे। वहीं मुंबई से आए प्रवासी राम सिंह बताते हैं कि प्रधान की ओर से स्वरोजगार के लिए लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है।

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