वाहन चारधाम यात्रा में, स्थानीय यात्री हलकान

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: आपदा के बाद पहली बार चारधाम यात्रा में आई तेजी से लोकल के साथ ही देश-विद

By Edited By: Publish:Tue, 31 May 2016 06:51 PM (IST) Updated:Wed, 01 Jun 2016 09:55 AM (IST)
वाहन चारधाम यात्रा में, स्थानीय यात्री हलकान

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: आपदा के बाद पहली बार चारधाम यात्रा में आई तेजी से लोकल के साथ ही देश-विदेश के यात्रियों की मुश्किलें बढ़ गई। जिले के लोकल रोटेशन के तहत मुख्य और ब्रांच रूटों पर बस सेवाएं देने वाली जीएमओ लोकल सेवाओं एवं छोटे वाहन सेवाओं में 50 फीसदी से अधिक की कटौती की गई है। जिससे प्रतिदिन लोगों को आवाजाही के लिए घंटों इंतजार करने के बाद ही वाहन नसीब हो पा रहे हैं। प्रदेश में चारधाम यात्रा शुरू होते ही जिले में बसों को देखना दुर्लभ हो गया है। जिले में मुख्य एवं ब्रांच रूटों पर वाहन की संख्या काफी कम हो गई है। रुद्रप्रयाग-पोखरी, रुद्रप्रयाग-ऊखीमठ, रुद्रप्रयाग-गुप्तकाशी के लिए कुछ बसों का संचालन तो किया जा रहा है, लेकिन रुद्रप्रयाग-चोपड़ा-कुरझण, चन्द्रापुरी-मोहनखाल-भणज समेत कई रूटों पर बसें नहीं हैं। लंबी रूट की बसें न मिलने से जहां यात्री परेशान हो रहे हैं, वहीं स्थानीय लोगों को भी भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। यही नहीं देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार से आने वाली बसों में भी काफी कटौती देखने को मिल रही है। जिले में जीएमओ के पास कुल 45 बसें हैं, जिसमें से 30 बसें यात्रा में तथा 15 बसें मुख्य व ब्रांच रूटों पर संचालित की जा रही हैं। वहीं मंदाकिनी जीप-टैक्सी यूनियन के पास के लगभग 300 छोटे वाहन हैं। जिसमें डेढ़ सौ वाहन यात्रा में लगे हुए हैं। जबकि 150 जिले में अपनी सेवाएं दे रही हैं। इसका असर श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, टिहरी, उत्तरकाशी समेत कई मार्गो पर संचालित होने वाली स्थानीय सेवाओं पर पड़ता दिख रहा है। जिला मुख्यालय में देश विदेश एवं स्थानीय यात्रियों को मार्गो में वाहनों के लिए घंटों खड़ा रहना पड़ रहा है।

विभिन्न वाहन संगठनों के वाहन यात्रा में हैं। लोकल यात्रियों की आवाजाही पर भी कोई असर न पडे़ इसके लिए संबंधित वाहन संगठनों को निर्देशित किया गया है।

पंकज श्रीवास्तव

एआरटीओ, रुद्रप्रयाग

फोटो-31आरडीपीपी-1

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