केदारनाथ को पैदल मार्ग का विकल्प जरूरी

By Edited By: Publish:Mon, 21 Apr 2014 07:23 PM (IST) Updated:Mon, 21 Apr 2014 07:23 PM (IST)
केदारनाथ को पैदल मार्ग का विकल्प जरूरी

बृजेश भट्ट, रुद्रप्रयाग

आपदा के बाद जल्दबाजी में बनाया नया पैदल मार्ग प्रशासन के लिए मुसीबत बन गया है। लिनचोली से आगे कई फीट बर्फ व ऊंची पहाड़ी से टूटकर आए ग्लेशियर हटाने में स्पेशल टॉस्क फोर्स के पसीने छूट रहे हैं। लिनचोली क्षेत्र में मई तक कई फीट बर्फ रहती है। ऐसे में प्रत्येक वर्ष बर्फ हटाने के लिए प्रशासन को कड़ी मशक्कत करनी होगी, जबकि पुराने रास्ते में ऐसी स्थितियां नहीं थी। ऐसे में केदारनाथ के लिए दूसरे पैदल मार्ग का विकल्प तलाशना जरूरी है।

गत 16/17 जून की आपदा में रामबाड़ा से गरुड़चट्टी होकर केदारनाथ पहुंचने वाला मार्ग बह गया था। इसके बाद दूसरी पहाड़ी पर से होकर रास्ता बनाया गया। यह मार्ग रामबाड़ा के सामने की पहाड़ी पर लिनचोली होते हुए केदारनाथ पहुंच रहा है। इसकी लंबाई आठ किमी है। गत वर्ष सितंबर में बनाए इस मार्ग पर उस समय बर्फबारी जैसी दिक्कत नहीं थी, लेकिन इस समय यात्रा शुरू होने से पूर्व तैयार किए उक्त मार्ग से बर्फ हटाने में टॉस्क फोर्स को खासी मेहनत करनी पड़ रही है। जिस पहाड़ी पर यह रास्ता है वहां धूप कम आती है। इससे बर्फ जम जाती है जो मई के अंत तक रहती है। ऐसे में मई तक केदारनाथ के दर्शन के लिए भक्तों को ग्लेशियरों से होकर जाना पड़ेगा। लिनचोली से केदारनाथ वाले पैदल मार्ग पर यह समस्या प्रत्येक वर्ष बनी रहेगी। वर्तमान में सरकार ने स्पेशल टॉस्क फोर्स को रामबाड़ा से केदारनाथ तक पैदल मार्ग से बर्फ हटाने व रास्ता तैयार करने की जिम्मेदारी दी है। इसमें नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) के कुशल मजदूर बर्फ हटाने में जुटे हैं, लेकिन आने वाले यात्रा सीजन में लोनिवि को रास्ता बनाना होगा, जो कि लोनिवि के बस से बाहर है। इस मार्ग पर बर्फबारी व ग्लेशियरों की समस्या को देखते हुए केदारनाथ के दूसरे विकल्पों पर विचार की जरूरत है। त्रिजुगीनारायण से तोषी होते केदारनाथ पैदल मार्ग विकल्प के रूप में सबसे उपयुक्त हो सकता है। ------------------------

लिनचोली से आगे रास्ते में ग्लेशियर व बर्फ अधिक जमी है। यहां धूप कम आने से हमेशा बर्फ जमी रहती है, जबकि सामने वाली पहाड़ी जिस पर पुराना रास्ता था वहां ऐसी स्थिति नहीं है।

कर्नल अजय कोठियाल, प्रधानाचार्य निम

chat bot
आपका साथी