सड़क की मांग को लेकर ग्रामीणों ने जौलजीबी -मुनस्यारी मार्ग पर किया चक्का जाम

पांच वर्ष पूर्व स्वीकृत सड़क निर्माण का कार्य प्रारंभ नहीं होने से ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 10:40 PM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 10:40 PM (IST)
सड़क की मांग को लेकर ग्रामीणों ने जौलजीबी -मुनस्यारी मार्ग पर किया चक्का जाम
सड़क की मांग को लेकर ग्रामीणों ने जौलजीबी -मुनस्यारी मार्ग पर किया चक्का जाम

संवाद सूत्र, मदकोट: पांच वर्ष पूर्व स्वीकृत सड़क निर्माण का कार्य प्रारंभ नहीं होने से तहसील बंगापानी के तीन गांवों के ग्रामीण आक्रोशित हो गए हैं। दो दिवसीय धरना देने के बाद मंगलवार को ग्रामीणों ने जौलजीबी - मदकोट -मुनस्यारी मार्ग पर जौलढुंगा पुल पर घंटों जाम लगाया। सायं को उपजिलाधिकारी के आश्वासन पर जाम खोला गया।

खरतोली-सिलिंग सड़क वर्ष 2016-17 में स्वीकृत हो गई थी। चार वर्ष पूर्व लोनिवि ने मार्ग निर्माण के लिए सर्वे कर जॉब पीलर भी लगा दिए । चार वर्ष बीतने के बाद भी विभाग ने मार्ग निर्माण के लिए निविदा नहीं लगाई है। ग्रामीण बार -बार सड़क निर्माण की मांग करते आ रहे हैं, परंतु विभाग केवल आश्वासन देता है। जिसे लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है। इस संबंध में ग्रामीणों ने आंदोलन की सूचना उपजिलाधिकारी को दी। तीन दिन पूर्व से ग्रामीणों ने मार्ग के किनारे धरना प्रारंभ किया था। सोमवार तक किसी तरह की कार्यवाही नहीं होने पर मंगलवार को चक्का जाम और प्रदर्शन की चेतावनी दी थी।

जिसके तहत ग्रामीण मंगलवार की सुबह सात बजे एकत्रित हो गए। ग्रामीणों ने जौलजीबी- मुनस्यारी मार्ग में जौलढ्रुंगा पुल पर जाम लगा दिया। ग्रामीण पुल पर बैठ गए। चक्का जाम होने से मुनस्यारी, मदकोट से बंगापानी, बरम, जौलजीबी, धारचूला और पिथौरागढ़ आने जाने वाले वाहन फंस गए। जिसमें रोगी वाहन भी शामिल थे। ग्रामीण मोटर मार्ग निर्माण के लिए लिखित आश्वासन की मांग पर अड़े रहे। सायं को उपजिलाधिकारी केएन गोस्वामी प्रदर्शनकारियों से वार्ता के लिए पहुंचे। ग्रामीणों ने सड़क नहीं बनने को लेकर आक्रोश जताया। एसडीएम ने ग्रामीणों से वार्ता कर एक माह के भीतर सड़क निर्माण का आश्वासन दिया। इस आश्वासन पर ग्रामीणों ने चक्का जाम खोला।

प्रदर्शन करने वालों में प्रमुख लोगों में ग्राम प्रधान तुलसी देवी, मनोज महर, खीम सिंह महर, त्रिभुवन सिंह, आनंद सिंह , जगत सिंह, गुमान सिंह, गोमती देवी, भागीरथी देवी, रमोती देवी, विजया देवी आदि सहित ग्रामीण शामिल रहे।

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