नन्ही परी सीमांत अभियांत्रिकी संस्थान अब उत्तराखंड प्रोद्योगिकी विवि के कैंपस के रूप में संचालित होगा किया

नन्ही परी सीमांत अभियांत्रिकी संस्थान अब वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखंड प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय के कैंपस के रूप में संचालित किया जाएगा। इसी के साथ ही अब संस्थान में बीटेक प्रथम वर्ष के प्रवेश प्रक्रिया पर लगी रोक भी हट चुकी है।

By omprakash awasthiEdited By: Publish:Mon, 24 Oct 2022 02:20 PM (IST) Updated:Mon, 24 Oct 2022 02:20 PM (IST)
नन्ही परी सीमांत अभियांत्रिकी संस्थान अब उत्तराखंड प्रोद्योगिकी विवि के कैंपस के रूप में संचालित होगा किया
नन्ही परी सीमांत अभियांत्रिकी संस्थान अब उत्तराखंड प्रोद्योगिकी विवि के कैंपस के रूप में संचालित होगा किया

संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़ : नन्ही परी सीमांत अभियांत्रिकी संस्थान अब वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखंड प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय के कैंपस के रूप में संचालित किया जाएगा। इसी के साथ ही अब संस्थान में बीटेक प्रथम वर्ष के प्रवेश प्रक्रिया पर लगी रोक भी हट चुकी है।

इससे अभिभावकों के साथ ही अभ्यर्थियों को बड़ी राहत मिली है। रोक हटने के बाद संस्थान में अब प्रवेश प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। पहले दिन 50 से अधिक अभ्यर्थियों ने अपना पंजीकरण कराया। संस्थान में आगामी 31 अक्टूबर तक प्रवेश प्रक्रिया की अंतिम तिथि निर्धारित की गई है।

सीमांत जनपद में वर्ष 2011 में इंजीनियरिंग कालेज की स्वीकृति मिली थी। संस्थान को वीर बहादुर तकनीकी विश्वविद्यालय के संघटक कालेज की मान्यता दी गई। संस्थान के भवन निर्माण के लिए सरकार की ओर से 23 करोड़ रूपये भी स्वीकृत किए गए।

नया भवन बनने तक संस्थान में प्रथम वर्ष की कक्षाएं आइटीआइ में संचालित की गई, लेकिन पर्याप्त जगह नहीं होने के कारण संस्थान को केनयू राइंका में शिफ्ट किया गया। तब से यह संस्थान केएनयू राइंका में ही अस्थाई रूप से संचालित किया जा रहा है। हालांकि अब संस्थान का मड़धूरा में भवन बनकर तैयार भी हो चुका है।

अपने नए भवन में कक्षाएं संचालित भी की जा चुकी हैं, लेकिन जंगल में होने व आवागमन की समस्या का हवाला देकर कक्षाएं एक सप्ताह बाद बंद हो गईं। इस बीच यह संस्थान एआइसीटीई (आल इंडिया काउंसिल आफ टेक्निकल एजुकेशन) के मानकों पर खरा नहीं उतरने पर इस वर्ष बीटेक प्रथम वर्ष के प्रवेश पर रोक लग गई। इससे छात्र-छात्राएं परेशान हो गए।

अन्य कालेजों में भी सीटें फुल हो जाने से छात्र-छात्राओं में एक साल बर्बाद जाने का भय बन गया। छात्र-छात्राओं के भविश्य को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार ने बीते रोज नन्ही परी सीमांत इंजीनियरिंग कालेज को वीर माधो सिंह भंडारी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के अधीन कैंपस कालेज के रूप में चालू शैक्षिक सत्र में छात्र-छात्राओं की प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया। शासन के इस निर्णय के बाद संस्थान में अब प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

डा. एचके जोशी, रजिस्ट्रार सीमांत इंजीनियरिंग कालेज ने बताया कि शासन-प्रशासन के निर्देशानुसार संस्थान में बीटैक प्रथम वर्ष में छात्र-छात्राओं का प्रवेश विश्वविद्यालय के कैंपस के रूप किया जा रहा है। इसके लिए एआइसीटीइ के अनुमोदन की आवश्यकता नहीं है, जिससे भविष्य में भी समस्या खड़ी नहीं होगी। संस्थान में 31 अक्टूबर तक आनलाइन व आफलाइन दोनों माध्यमों से छात्र-छात्राओं को प्रवेश दिया जाएगा।

पांच ट्रेड, 300 सीटें

नन्ही परी सीमांत इंजीनियरिंग कालेज में वर्तमान में पांच ट्रेड संचालित होते हैं। जिनमें सिविल इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्युनिकेशन, इलेक्ट्रिक व मैकेनिकल इंजीनियरिंग शामिल हैं। प्रत्येक ट्रेड में 60-60 सीटें हैं।

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