मुनस्यारी के डांडाधार पर मां नंदा का भव्य मंदिर, यहां से होता है पंचाचूली की पांच चोटियां का दीदार

सीमांत जिले पिथौरागढ़ में समुद्र तल से 2250 मीटर की ऊंचाई पर हिमनगरी मुनस्यारी के डांडाधार पर मां नंदा का भव्य मंदिर है। अति सुरम्य स्थल पर स्थित इस मंदिर से पंचाचूली की पांच चोटियां सबसे निकट नजर आती हैं।

By omprakash awasthiEdited By: Publish:Tue, 04 Oct 2022 11:39 AM (IST) Updated:Tue, 04 Oct 2022 11:39 AM (IST)
मुनस्यारी के डांडाधार पर मां नंदा का भव्य मंदिर, यहां से होता है पंचाचूली की पांच चोटियां का दीदार
मुनस्यारी के डांडाधार पर मां नंदा का भव्य मंदिर, यहां से होता है पंचाचूली की पांच चोटियां का दीदार

पिथौरागढ़, जागरण संवाददाता : सीमांत जिले पिथौरागढ़ में समुद्र तल से 2250 मीटर की ऊंचाई पर हिमनगरी मुनस्यारी के डांडाधार पर मां नंदा का भव्य मंदिर है। अति सुरम्य स्थल पर स्थित इस मंदिर से पंचाचूली की पांच चोटियां सबसे निकट नजर आती हैं।

मंदिर पुजारी केदार सिंह पापड़ा ने बताया कि मां नंदा देवी क्षेत्र की कुलदेवी है। इस क्षेत्र की रक्षा मां नंदा ही करती है। नंदाष्टमी में यहां पर विशाल मेला लगता है। नवरात्र में पूजा, अर्चना होती है। साल भर के प्रमुख पर्वों पर पूजा, अनुष्ठान होते हैं। पापड़ी गांव निवासी यहां के पुजारी हैं।

मंदिर का इतिहास

मुनस्यारी यानि जोहार क्षेत्र नंदा देवी का क्षेत्र है। मुनस्यारी से तीन किमी दूर डांडाधार में स्थित नंदा देवी मंदिर का इतिहास काफी पुराना है। बताया जाता है कि यहां पर पूर्व में पापड़ी, प्यांकुती, वर्नियागांव के ग्रामीण मां नंदा की पूजा करते थे। मां नंदा देवी पर यहां अगाध श्रद्धा रहती है। ग्रामीणों के अनुसार पापड़ा उपजाति के लोगों द्वारा तेरहवीं शताब्दी में नंदा देवी मंदिर की स्थापना की गई थी।

वर्तमान मंदिर के पास विशाल शिलाएं थी इन शिलाओं के पत्थरों से मंदिर का निर्माण किया गया था। वर्तमान मंदिर आधुनिक है पुराने मंदिर को ही आगे बढ़ा कर बनाया गया है। स्थानीय मान्यता के अनुसार मां नंदा जब नंदा देवी से यहां आयी तो उन्हें यह स्थल सबसे अधिक सुरम्य लगा और यहां पर विराजमान हो गई। लोग तभी से उनकी पूजा ,अर्चना करते आ रहे हैं।

मंदिर निर्माण शैली

वर्तमान मंदिर अति आधुनिक है। नंदा देवी मंदिर का परिसर विशाल है। पहाड़ी की चोटी पर स्थित यह मंदिर अति आकर्षक है। यहां पर लोग शांति ,आध्यात्म के लिए पहुुंचते हैं साथ ही यहां का दृश्यावलोकन करते हैं। मंदिर परिसर में लोगों के बैठने , घूमने के लिए व्यवस्था है। मंदिर का रखरखाव नियमित किया जाता है।

मंदिर की खासियत

डाडाधार स्थित मुनस्यारी का नंदा देवी मंदिर अगाध श्रद्धा का केंद्र है। नंदाष्टमी के अवसर पर तो यहां पर विशाल मेला लगता है। मां नंदा को मनोकामना पूरी करने वाली देवी माना जाता है। यहां पहुंच कर पंचाचूली पर्वतमाला का दर्शन करते हैं। मुनस्यारी आने वाला प्रत्येक पर्यटक यहां पहुंचता है और मां नंदा के दर्शन कर यहां के विहंगम द़श्य का आनंद लेता है। प्रतिदिन भारी संख्या में लोग नंदा के दर्शन को पहुंचते हैं।

ऐसे पहुंचे मंदिर

मुनस्यारी एक रमणीय पर्यटक स्थल है। जहां साल के चार माह मानूसन काल को छोड़ कर पर्यटक आते हैं। हल्द्वानी और टनकपुर से वाया अल्मोड़ा , बेरीनाग , थल होते और टनकपुर से वाया लोहाघाट , पिथौरागढ़ , थल या जौलजीबी, मदकोट होते वाहन से यहां पहुंचा जाता है।

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