चौंदास घाटी के 14 गांवों की बढ़ी दुश्वारियां

संवाद सूत्र, धारचूला: इस वर्ष के भारी हिमपात के चलते चौंदास घाटी की दिक्कतें बढ़ चुकी हैं। घ

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Feb 2019 10:32 PM (IST) Updated:Sun, 17 Feb 2019 10:32 PM (IST)
चौंदास घाटी के 14 गांवों की बढ़ी दुश्वारियां
चौंदास घाटी के 14 गांवों की बढ़ी दुश्वारियां

संवाद सूत्र, धारचूला: इस वर्ष के भारी हिमपात के चलते चौंदास घाटी की दिक्कतें बढ़ चुकी हैं। घाटी को जोड़ने वाले सम्पर्क मार्ग तीन फीट से अधिक बर्फ से लकदक हैं। जिसके चलते ग्रामीणों का गांवों से बाहर निकलना भी बंद हो चुका है। घाटी के कई गांव अति दूरस्थ और ऊंचाई पर स्थित हैं। इन गांवों में अभाव की स्थिति पैदा हो जाती है। लगातार हो रहे हिमपात से गांवों का आम जनजीवन प्रभावित है।

चौदास घाटी के एक तरफ उच्च हिमालयी व्यास तो दूसरी तरफ दारमा घाटी है। दोनों घाटियों के मध्य स्थित चौदास घाटी उच्च मध्य हिमालय है। जिसके चलते इस घाटी के लोग माइग्रेशन नहीं करते हैं।यहां की चोटियों पर तो हल्का मौसम खराब होते ही हिमपात होने लगता है। शीतकाल में पूरी घाटी में हिमपात होता है। इस वर्ष लगातार हिमपात हो रहा है। नवंबर से लेकर अब तक आठ बार भारी हिमपात हो चुका है। शुक्रवार को क्षेत्र में भारी हिमपात हुआ । तवाघाट नारायणआश्रम मोटर मार्ग में तीन फीट के आसपास बर्फ जमी है। ऐसे में वाहनों का संचालन संभव नहीं है। धारचूला बाजार पर निर्भर हैं चौदास घाटी के गांव चौदास घाटी के 14 गांव पांगू, धार पांगू, तंतागांव रौतों, हिमखोला, छलमाछिलासो, सोसा नारायण आश्रम, सिर्खा, सिर्दांग, रु ंग, कुरीला, जयकोट, पस्ती आदि गांव हैं। इन गांवों की क्षेत्र से धारचूला तक की दूरी 45 किमी से लेकर 80 किमी तक है। कई गांव ऐसे हैं जहां तक अभी सड़क नहीं है। पैदल मार्गो से ही आवाजाही होती है। सड़क सहित पैदल मार्ग तीन फीट से अधिक बर्फ से ढके हैं। गांवों का बाजार धारचूला है। ऐसे में ग्रामीणों का बाजार तक पहुंचना भी कठिन है। क्षेत्र में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति नहीं होने पर स्थिति खराब हो सकती है।

चौदास घाटी की दुश्वारियां बढ़ चुकी हैं। आए दिन हो रहे हिमपात से दिक्कतें बढ़ती जा रही हैं। दूरस्थ गांवों के हालात खराब हैं। सुध लेने वाला कोई नहीं है। किसी के बीमार पड़ने पर उसे उपचार के लिए धारचूला अस्पताल पहुंचना संभव नहीं है। प्रशासन को क्षेत्र की सुध लेकर कार्यवाही करनी चाहिए।

खुशाल गर्खाल, पूर्व बीडीसी सदस्य, सोसा

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