आपदा से तीन गांवों में 85 परिवार प्रभावित

संवाद सूत्र नाचनी/थल आपदा प्रभावित तल्ला जोहार के बोरा गांव मल्ला बोरा गांव और टिमटिया में

By JagranEdited By: Publish:Mon, 09 Sep 2019 10:55 PM (IST) Updated:Mon, 09 Sep 2019 10:55 PM (IST)
आपदा से तीन गांवों में 85 परिवार प्रभावित
आपदा से तीन गांवों में 85 परिवार प्रभावित

संवाद सूत्र, नाचनी/थल : आपदा प्रभावित तल्ला जोहार के बोरा गांव, मल्ला बोरा गांव और टिमटिया में कुल 85 परिवार प्रभावित हैं। जिसमें कई परिवारों ने विद्यालयों में बने शिविरों में शरण ली है। विधायक और एसडीएम ने प्रभावित गांवों में जाकर हालचाल जाना। अकेले बोरा गांव में सात मकान पूर्ण रू प से ध्वस्त हुए हैं और एक मकान क्षतिग्रस्त है।

आपदा प्रभावित क्षेत्रों में जनजीवन अभी भी अस्त व्यस्त है। राहत टीम सभी स्थानों पर पहुंच चुकी है। सबसे अधिक मुश्किल बंद पैदल मार्गों को खोलने की है। राहत व बचाव टीम चामी भैंस्कोट मार्ग खोलने में जुटी है। भैंस्कोट तल्ला और मल्ला का अभी भी सम्पर्क कटा है। तल्ला भैंस्कोट के 28 परिवार प्राथमिक विद्यालय में बने राहत शिविर में शरण लिए हैं। कोट्यूड़ा आपदा राहत शिविर में भी दरी बिछाकर रात गुजर रही है। कोट्यूड़ा तक का मार्ग अभी बंद है। आपदा को लेकर ग्रामीण सहमे हुए हैं।

सोमवार को धारचूला के विधायक हरीश धामी और एसडीएम एके शुक्ला ने बोरा गांव पहुंच कर राहत शिविर में रह रहे प्रभावितों के हालचाल लिए। शिविर में 24 के आसपास प्रभावित शरण लिए हैं। इस मौके पर बोरा गांव के प्रभावितों ने विधायक को अपनी आपबीती सुनाई और बताया कि पहाड़ की तरफ से पत्थर गिरने से ग्रामीण अपने घरों तक नहीं जा पा रहे हैं। उनके पालतू जानवरों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। ग्रामीणों ने गांव से विस्थापन की मांग की है।

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माधोराम का परिवार घर में ही कैद

आपदा प्रभावित तल्ला भैंस्कोट गांव के ऊपर च्यूनी गांव में एक परिवार मकान के दोनों तरफ गहरी खाई बन जाने से कैद हो गया है। च्यूनी गांव में टापू है, जिसमें माधोराम का मकान है। भूस्खलन से मकान के दोनों तरफ गहरी खाई बन गई है। मकान तक पहुंचना संभव नहीं है। जिसके चलते माधोराम के परिवार के पांच सदस्य और डेढ़ दर्जन जानवर मकान में ही कैद होकर रह गए हैं। दोनों तरफ खाई होने से परिवार के सदस्य इधर-उधर नहीं निकल पा रहे हैं और अभी तक गांव तक पैदल मार्ग नहीं खुलने से यहां तक आपदा राहत एवं बचाव दल भी नहीं पहुंच सका है।

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