समाज की मानसिकता में बदलाव बेहद जरूरी

जागरण संवाददाता श्रीनगर गढ़वाल गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग की ओर स

By JagranEdited By: Publish:Tue, 10 Dec 2019 10:38 PM (IST) Updated:Wed, 11 Dec 2019 06:12 AM (IST)
समाज की मानसिकता  में बदलाव बेहद जरूरी
समाज की मानसिकता में बदलाव बेहद जरूरी

जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल: गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग की ओर से मानव अधिकार और महिला सुरक्षा विषय को लेकर एक दिवसीय परिचर्चा में वक्ताओं का कहना था कि महिलाओं को सुरक्षित वातावरण देने के लिए समाज को भी अपनी मानसिकता बदलने की जरूरत है।

बिड़ला परिसर के राजनीति विज्ञान विभाग सभागार में आयोजित परिचर्चा में भाग लेते हुए विभाग की प्रो. हिमांशु बौड़ाई ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कानून तो बने हैं, लेकिन इस मामले में समाज के स्तर से ही एक बड़े सुधार की जरूरत है। महिलाओं के खिलाफ हिसा के मामले देश में बढ़ते जा रहे हैं जो चिताजनक है। राजनीति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो. एमएम सेमवाल ने कहा कि महिलाओं के लिए हिसा मुक्त वातावरण बनाने को लेकर परिवार के साथ ही समाज और अन्य नागरिक संगठनों की सक्रिय भागीदारी की जरूरत है। विभाग के प्रो. आरएन गैरोला ने कहा कि मानव अधिकारों के उल्लंघन के संदर्भ में सबसे ज्यादा महिला अधिकारों के उल्लंघन के मामले ही सामने आ रहे हैं।

स्नातक के छात्र दाउद मेहर अंसारी ने कहा कि घर के अंदर और बाहर दोनों जगह महिलाओं के साथ अपराध हो रहे हैं। इससे बचने के लिए समाज को अपनी मानसिकता बदलने की जरूरत है। हर्षित गडिया ने कहा कि हमे न्यायपालिका पर भरोसा करना होगा। शोध छात्रा प्रियंका पहुवा ने कहा कि महिलाओं को पुरुषों के समान ही अधिकार होने चाहिए। मनस्वी सेमवाल ने कहा कि परिवार में महिला और पुरुष दोनों को संस्कार देने की जरूरत है। डॉ. मनीष मिश्रा ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ हो रही हिसा की खबरें महिलाओं को आगे बढ़ने से रोक रही हैं। शोध छात्रा शिवानी पांडे ने परिचर्चा का संचालन किया। प्रेरणा कैंथोला, साहिस्ता परवीन, रश्मि, मीनाक्षी, कुसुम, वर्षा, लूसी, सुभाष लाल, राहुल, तरुण भट्ट भी परिचर्चा में शामिल हुए।

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