विशाल रैली निकाल किया एनआइटी शिफ्टिंग का विरोध

श्रीनगर से एनआइटी शि¨फ्टग होने, पेयजल समस्या, मेडिकल कॉलेज और बेस अस्पताल की दुर्दशा से आक्रोशित क्षेत्रीय लोगों ने सोमवार को विशाल रैली निकाली। प्रगतिशील जनमंच के बैनर तले श्रीनगर के गोला पार्क में जनसभा का आयोजन कर प्रदेश सरकार के खिलाफ आक्रोश जताया गया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 10 Dec 2018 07:01 PM (IST) Updated:Mon, 10 Dec 2018 07:01 PM (IST)
विशाल रैली निकाल किया एनआइटी शिफ्टिंग का विरोध
विशाल रैली निकाल किया एनआइटी शिफ्टिंग का विरोध

जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल:

श्रीनगर से एनआइटी शि¨फ्टग होने, पेयजल समस्या, मेडिकल कॉलेज और बेस अस्पताल की दुर्दशा से आक्रोशित क्षेत्रीय लोगों ने सोमवार को विशाल रैली निकाली। प्रगतिशील जनमंच के बैनर तले श्रीनगर के गोला पार्क में जनसभा का आयोजन कर प्रदेश सरकार के खिलाफ आक्रोश जताया गया।

प्रगतिशील जनमंच के अध्यक्ष अनिल स्वामी ने एलान किया कि एनआइटी को शिफ्ट करने के विरोध में 25 दिसंबर से श्रीनगर में बड़े स्तर पर आंदोलन शुरू किया जाएगा। बताया कि 30 जनवरी को श्रीनगर में ही प्रदेश स्तरीय विशाल प्रदर्शन और रैली का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, नैनीताल क्षेत्र के आंदोलनकारी भी भाग लेंगे। श्रीनगर के पूर्व विधायक गणेश गोदियाल ने सुमाड़ी में एनआइटी की स्थापना को लेकर हरीश रावत सरकार की ओर से किए गए कार्यो की सराहना की। साथ ही वर्तमान भाजपा सरकार पर कड़ा प्रहार किया। गणेश गोदियाल ने कहा कि एनआइटी, रोडवेज डिपो, मेडिकल कॉलेज और पेयजल समस्या गैर दलीय मुद्दे हैं। हम सबको एक होकर इसके लिए संघर्ष करना है। प्रगतिशील जनमंच के अध्यक्ष अनिल स्वामी ने कहा कि उत्तराखंड बनने के बाद से ही श्रीनगर और पहाड़ की उपेक्षा हुई है। उन्होंने जनता से आह्वान करते हुए कहा कि जो पहाड़ में नहीं रहता, उसे चुनाव में विजयी न बनाएं। गैरसैंण राजधानी राज्य निर्माण का प्रमुख मुद्दा है।

अल्मोड़ा से आए उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के अध्यक्ष पीसी तिवाड़ी ने कहा कि उत्तराखंड बनने बनने के बाद पहाड़ की पीड़ा बढ़ती गई। अल्मोड़ा के चारु तिवाड़ी ने कहा कि एनआइटी को श्रीनगर से कहीं नहीं जाने देंगे। राज्य बनने के 18 सालों में पहाड़ की जमीन बेच दी गई। मढ़ी से जिला पंचायत सदस्य उत्तम भंडारी ने कहा कि श्रीनगर जलविद्युत परियोजना से जनता को लाभ नहीं मिला है। एनआइटी को हटाने के षड्यंत्रकारियों को भी बेनकाब किया जाना चाहिए। खिर्सू के सरत नेगी ने कहा कि एनआइटी को श्रीनगर से शिफ्ट करने के साथ ही मेडिकल कॉलेज भी खस्ताहाल हो गया है। दौलत कुंवर ने भी सभा को संबोधित किया। इस दौरान नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष कृष्णानंद मैठाणी, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रदीप तिवाड़ी, श्रीनगर कांग्रेस अध्यक्ष भूपेंद्र ¨सह पुंडीर, गंगाधर नौटियाल, राज्य आंदोलनकारी मदनमोहन नौटियाल, विमला कोठियाल, मीना रावत, उम्मेद ¨सह मेहरा के साथ ही अन्य कई वरिष्ठ आंदोलनकारी भी उपस्थित रहे।

सुमाड़ी में ही बने एनआइटी

सामाजिक कार्यकर्ता मोहन काला ने कहा कि एनआइटी का निर्माण सुमाड़ी में ही शीघ्र शुरू होना चाहिए। जिसके लिए ग्रामीण अपनी और जमीन देने को तैयार हैं। जीएमवीएन सभागार में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मोहन काला ने कहा कि सुमाड़ी में एनआइटी निर्माण को लेकर सारे प्रयास फेल होने के बाद ही हम न्यायालय की शरण में गए हैं। सुमाड़ी में एनआइटी निर्माण को लेकर जो बाउंड्रीवाल बनाई गई थी, वह भी टूट चुकी है। एनआइटी प्रशासन की ओर से सुमाड़ी को लेकर एमएचआरडी को भेजी गई हर रिपोर्ट नकारात्मक थी। इस दौरान आयुष मियां, विभोर बहुगुणा, अमित प्रदाली, इंद्रमोहन काला, अनिल तिवाड़ी, दुर्गा प्रसाद, अमित जुगरान आदि मौजूद रहे।

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