गरीब की 'आंच' पर निगम का डाका

संवाद सहयोगी, कोटद्वार: लगातार बढ़ रही ठंड ने जनजीवन अस्तव्यस्त कर दिया है। सबसे अधिक परेशानी सड़कों

By JagranEdited By: Publish:Tue, 25 Jan 2022 06:05 PM (IST) Updated:Tue, 25 Jan 2022 06:05 PM (IST)
गरीब की 'आंच' पर निगम का डाका
गरीब की 'आंच' पर निगम का डाका

संवाद सहयोगी, कोटद्वार: लगातार बढ़ रही ठंड ने जनजीवन अस्तव्यस्त कर दिया है। सबसे अधिक परेशानी सड़कों पर बेसहारा घूमने वाले व्यक्तियों को होती है। लेकिन, नगर निगम इन गरीबों को अलाव उपलब्ध करवाने के नाम पर महज दिखावा ही कर रहा है। हालत यह है कि नगर निगम के चालीस वार्डों में से महज नगर क्षेत्र के भीतर केवल सात स्थानों पर ही अलाव जलाए जा रहे हैं। वहीं, मानकों के मुताबिक अलाव में लकड़ियां न होने के कारण आधी रात के बाद निराश्रितों को ठंड में सिकुड़ना पड़ रहा है।

नगर निगम की ओर से अलाव की व्यवस्था का जिम्मा ठेके पर दिया गया है। वर्तमान में संबंधित ठेकेदार सात कुंतल लकड़ी सात स्थानों पर लगा रहा है। इसके एवज में निगम उक्त व्यक्ति को प्रति कुंतल साढ़े छह सौ रुपये की धनराशि का भुगतान कर रहा है। लेकिन, अगर धरातल पर नजर डालें तो संबंधित ठेकेदार एक कुंतल लकड़ी के स्थान पर थोड़ी बहुत लकड़ी अलाव वाले स्थान पर रख उसे सुलगा देता है। नतीजा, कुछ घंटे बाद ही लकड़ी बुझ जाती है व निराश्रित लकड़ी की राख से उठ रही तपिश के भरोसे रात काटते हैं। कई निराश्रित आसपास के क्षेत्र से कूड़ा एकत्र कर उसे जलाते हैं। वर्तमान में नगर निगम की ओर से खानापूर्ति के नाम पर झंडाचौक, नजीबाबाद रोड, बस अड्डा, आमपड़ाव तिराहा, लकड़ीपड़ाव, कौड़िया तिराहा व बेस अस्पताल में अलाव जलाया जा रहा है।

भाबर क्षेत्र की नहीं ले रहे सुध

नगर निगम की ओर से केवल बाजार क्षेत्र में ही अलाव की व्यवस्था की गई है। जबकि, भाबर क्षेत्र में सड़कों पर रहने वाले बेसहारा व्यक्ति सर्द आसमान के नीचे रातें गुजारने को मजबूर हैं। बताना जरूरी है कि भाबर क्षेत्र में ग्रोथ सेंटर सहित दो औद्योगिक आस्थान हैं, जहां प्रतिदिन बाहर से श्रमिक आते हैं। रात के वक्त यह श्रमिक खुले आसमान के नीचे अथवा ट्रकों में रात बिताने को मजबूर रहते हैं।

...........................'अलाव जलाने का कार्य विभागीय कर्मी की देखरेख में किया जाता है। यदि अलाव में तय मात्रा से कम लकड़ी रखी जा रही है तो यह गलत है। पूरे मामले की जानकारी लेकर नियमों के अनुरूप ही अलाव जलाया जाएगा।

किशन सिंह नेगी, नगर आयुक्त, कोटद्वार नगर निगम'

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