कहीं लंबाई तो कहीं पैर दे गए जवाब

जागरण संवाददाता, कोटद्वार : गढ़वाल राइफल्स रेजीमेंट सेंटर (जीआरआरसी) लैंसडौन के तत्वावधान में चल र

By Edited By: Publish:Wed, 15 Apr 2015 05:44 PM (IST) Updated:Wed, 15 Apr 2015 05:44 PM (IST)
कहीं लंबाई तो कहीं पैर दे गए जवाब

जागरण संवाददाता, कोटद्वार :

गढ़वाल राइफल्स रेजीमेंट सेंटर (जीआरआरसी) लैंसडौन के तत्वावधान में चल रही भर्ती रैली में बुधवार को जनपद पौड़ी के युवाओं ने भले ही बढ़-चढ़कर प्रतिभाग किया, लेकिन दौड़ में ही हजारों युवाओं के पैर जवाब दे गए। आलम यह रहा कि रैली में शामिल होने आए साढ़े नौ हजार युवाओं में से करीब नौ हजार युवाओं को बाहर का रास्ता देखना पड़ा।

कौड़िया स्थित वीसी गबर सिंह सेना कैंप में आयोजितभर्ती रैली के पांचवें दिन पौड़ी जनपद के युवाओं ने प्रतिभाग किया। उम्मीद के अनुरूप जनपद पौड़ी के 9431 युवाओं ने रैली में शिरकत की, जिनमें से 1201 युवाओं की लंबाई उन्हें धोखा दे गई और वो प्री-हाइट में ही बाहर हो गए। शेष 8430 युवा मैदान तक पहुंचे, लेकिन इनमें से 7930 युवाओं के पैरों ने जवाब दे दिया व वे निर्धारित समय में दौड़ पूर्ण नहीं कर पाए। नतीजा, 9431 में से महज 502 युवा ही दौड़ पूर्ण कर अगले दौर में प्रवेश कर पाए। भर्ती रैली अधिकारी कर्नल बीएमएस तलवार ने बताया कि गुरुवार को देहरादून व हरिद्वार जनपद के साथ ही सभी जनपदों के भारतीय मूल के गोरखा व सिख रैली में शामिल होंगे।

असामाजिक तत्वों का रहा बोलबाला

पौड़ी जनपद के भर्ती रैली के दौरान रैली में शामिल होने आए कुछ असामाजिक तत्वों ने सैकड़ों युवाओं की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। सुबह से ही इन असामाजिक तत्वों की गतिविधियां शुरू हो गई थी। भोर होने के साथ जैसे ही प्रतिभागी रेस ट्रैक पर पहुंचे, करीब ढाई सौ युवाओं के ग्रुप में शामिल असामाजिक तत्वों ने 'गो' की आवाज लगा दी, जिस पर युवा सैन्य अधिकारी के आदेश के बिना आगे भाग गए। सैन्य अधिकारियों ने युवाओं से 'गो' बोलने वाले युवाओं के बारे में जानना चाहा, लेकिन युवाओं ने कोई जानकारी नहीं दी। इसके बाद बगैर दौड़ाए सभी युवाओं को मैदान से बाहर कर दिया गया।

युवाओं में मची भगदड़

एक अन्य घटना में रेस ट्रैक पर रेस शुरू होने से पूर्व कतार में पीछे खड़े युवकों ने आगे खड़े युवकों को धक्का दे दिया, जिससे युवक एक-दूसरे के ऊपर गिर पड़े। इस दौरान रेस ट्रैक पर लगी बैरीकेटिंग भी टूट गई व युवकों में भगदड़ मच गई। सेना ने इन्हें काबू कर मैदान से बाहर कर दिया। बताया जाता है कि असामाजिक तत्वों के इस हंगामे के कारण करीब सात-आठ सौ युवा रैली में शामिल होने से वंचित रह गए।

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