भावविभोर कर गया 'सुमाड़ी कू पंथ्या दादा'

जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल : उत्सव ग्रुप और अदिति स्मृति न्यास के संयुक्त तत्वावधान में आयोजि

By Edited By: Publish:Tue, 31 Mar 2015 05:43 PM (IST) Updated:Wed, 01 Apr 2015 05:12 AM (IST)
भावविभोर कर गया 'सुमाड़ी कू पंथ्या दादा'

जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल :

उत्सव ग्रुप और अदिति स्मृति न्यास के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित लोकरंग उत्सव की चौथी संध्या में प्रसिद्ध नाटक सुमाड़ी कू पंथ्या दादा का भावपूर्ण मंचन रंगकर्मियों की ओर से किया गया। गढ़वाल की तत्कालीन रानी के जनविरोधी निर्णयों के खिलाफ युवा पंथ्या और उसकी चाची और बहन की ओर से अग्निकुंड में कूदकर आहुति दे देने की प्रस्तुति देख दर्शक भावविभोर हो गए।

45 कलाकारों की टीम की ओर से श्रीनगर के जीआइटीआइ मैदान में सुमाड़ी कू पंथ्या दादा का भावपूर्ण मंचन किया गया। नाटक का कथानक 17वीं शताब्दी के घटनाक्रम से जुड़ा है, जब तत्कालीन गढ़वाल की राजशाही के खिलाफ सुमाड़ी गांव से आवाज बुलंद हुई। रानी की ओर से सुमाड़ी के गांववालों पर नमक व बेगारी सहित अन्य कई मनमाने कर लगा देने से जनता त्रस्त हो गई। जनता पर जुल्म ढाने वाली रानी ने गांव के बीचोंबीच एक अग्निकुंड भी खुदवा दिया। युवा पंथ्या ने रानी के इस जुल्म के खिलाफ अग्निकुंड में कूदकर अपनी आहुति दे दी। पंथ्या की चाचा भद्रा और बहन कीर्ति ने भी रानी के जुल्मों के खिलाफ अग्निकुंड में कूदकर अपनी आहुति दी।

पंथ्या बने अभिषेक बहुगुणा, भद्रा बनी सोनाली शुक्ला, कीर्ति बनी कविता डिमरी का भावपूर्ण अभिनय अमिट छाप छोड़ गया। पूर्णानंद बने सुधीर डंगवाल, भाभी बनी आरती रावत, दीवान बने दिलवर रावत, रानी बनी स्वाति बंगवाल की प्रस्तुतियां भी सराहनीय रहीं। विधायक प्रतिनिधि लखपत सिंह भंडारी ने आयोजन के लिए विधायक की ओर से एक लाख रुपये देने की भी घोषणा की। उत्सव निदेशक डॉ. राकेश भट्ट ने अतिथियों व दर्शकों का स्वागत किया। अदिति स्मृति न्यास के गिरीश पैन्यूली ने आभार व्यक्त किया। संचालन भूपेंद्र भंडारी ने किया।

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