उच्चीकरण में पास, पद सृजन में फेल

जागरण संवाददाता, पौड़ी: शिक्षा महकमा इन दिनों एक अप्रैल से शुरू होने वाले नए शिक्षा सत्र के होम वर्

By Edited By: Publish:Fri, 27 Mar 2015 05:26 PM (IST) Updated:Fri, 27 Mar 2015 05:26 PM (IST)
उच्चीकरण में पास, पद सृजन में फेल

जागरण संवाददाता, पौड़ी: शिक्षा महकमा इन दिनों एक अप्रैल से शुरू होने वाले नए शिक्षा सत्र के होम वर्क में जुटा है। समय पर स्कूल खुलने, नवीन कक्षाओं में प्रवेश प्रक्रिया के साथ ही सत्र में और भी बेहतर शैक्षणिक माहौल बनाने के तमाम दावे किए जा रहे हैं। लेकिन उस अव्यवस्था का क्या जो लंबे समय से छात्रों के भविष्य पर भारी पड़ रही है। तीन साल से उच्चीकृत हुए विद्यालयों में कामचलाऊ व्यवस्था के तहत भविष्य संवारा जा रहा है। आज तक इन विद्यालयों में शिक्षकों के पदों का ही सृजन नहीं किया गया। ऐसे में क्या इस बार इन विद्यालयों में शिक्षकों की तैनाती होगी इसका जबाव खुद विभाग के पास नहीं है।

सरकार ने 2011 में कई जूनियर हाई स्कूल को हाई स्कूल तथा हाई स्कूल को उच्चीकृत कर इंटरमीडिएट का दर्जा दिया। गढ़वाल मंडल के पांच पर्वतीय जनपदों के 33 विद्यालयों को इसमें शामिल कर उच्चीकृत कर दिया गया। सरकार के इस निर्णय से छात्रों को ही नहीं बल्कि उनके अभिभावकों को भी उम्मीद जगी कि अब उनके पाल्यों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए अन्यत्र नहीं जाना पडे़गा। व्यवस्था की गई कि जब तक इन विद्यालयों में शिक्षकों के पद सृजित नहीं किए जाते तब तक निचली कक्षाओं के शिक्षक ही इन कक्षाओं में पठन-पाठन कार्य कराएंगे। तब से अब तक यही व्यवस्था चली आ रही है। तीन वर्ष बीतने के बाद भी अभी तक उच्चीकृत हुए इन विद्यालयों में शिक्षकों के पद ही सृजित नहीं किए गए।

मंडल में उच्चीकृत हुए विद्यालय:

चमोली-9

रुद्रप्रयाग-10

पौड़ी- छह

टिहरी-छह

उत्तरकाशी-दो

'सरकार ने विद्यालयों को तीन वर्ष उच्चीकृत तो किया लेकिन शिक्षकों के पदों का सृजन करना भूल सी गई है। कम से कम शिक्षा के क्षेत्र में यह ठीक नहीं है। और जब बात सरकारी शिक्षा की आती है तो इसका दोष शिक्षकों को दिया जाता है।'

अवतार सिंह रावत, प्रदेश कोषाध्यक्ष, राजकीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ।

'उच्चीकृत हुए विद्यालयों में शिक्षकों के पदों का सृजन शासन स्तर से होना है। जिस पर कार्यवाही गतिमान है। फिलहाल इन विद्यालयों में पठन-पाठन कार्य सुचारू रूप से चले इसकी व्यवस्था की गई है।'

आरके उनियाल, अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक गढ़वाल मंडल पौड़ी।

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