सुमित हत्याकांड का खुलासा, एक गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, कोटद्वार: बुधवार को कोतवाली पुलिस ने क्षेत्र के बहुचर्चित सुमित पटवाल हत्याकांड में

By Edited By: Publish:Wed, 25 Mar 2015 06:02 PM (IST) Updated:Wed, 25 Mar 2015 06:02 PM (IST)
सुमित हत्याकांड का खुलासा, एक गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, कोटद्वार: बुधवार को कोतवाली पुलिस ने क्षेत्र के बहुचर्चित सुमित पटवाल हत्याकांड में शामिल एक आरोपी को गिरफ्तार कर दिया। मास्टरमाइंड के साथ ही दोनों शूटर पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं। दोनों की तलाश में पुलिस टीमों को रुड़की और दिल्ली भेजा गया है। इधर, पुलिस ने मामले से संबंधित दो बाइक भी बरामद की हैं। पुलिस महानिरीक्षक व पुलिस अधीक्षक की ओर से मामले का खुलासा करने वाली टीम को नकद इनाम देने की घोषणा की गई है।

बुधवार शाम कोतवाली परिसर में आयोजित पत्रकार वार्ता में कोतवाली प्रभारी प्रमोद शाह ने मामले का खुलासा करते हुए मानपुर निवासी दीपक रावत (28 वर्ष) पुत्र सुरेंद्र सिंह रावत को मीडिया के सामने पेश किया। दीपक राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में रसायन विज्ञान विभाग में संविदा पर प्रयोगशाला सहायक के रुप में तैनात है। दीपक ने षडयंत्र में शामिल होने की बात स्वीकारते हुए बताया कि उसने हत्या की घटना को अंजाम देने वाले दोनों युवकों को सुमित के बारे में पूरी जानकारी देने के साथ ही कोटद्वार से बाहर निकलने वाले मार्गो के संबंध में भी जानकारी दी।

पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर कोतवाली प्रभारी प्रमोद शाह ने बताया कि दीपक ने गत वर्ष ग्राम झंडीचौड़ पश्चिमी में एक विवादित भूमि के संबंध में अपने मित्र के मामा ग्राम गोकुल गांव (सतपुली) निवासी सुरेंद्र नेगी उर्फ सूरी पुत्र गणपत सिंह (जो कि पिछले लंबे समय से दिल्ली में रह रहा है व बड़ी आपराधिक घटनाओं में लिप्त है) से वार्ता की। सूरी ने सुमित को भूमि खरीद के लिए बतौर बयाना पांच लाख रुपये भूस्वामी को देने के लिए कहा, लेकिन सुमित ने भूस्वामी को दो लाख रुपये ही दिए। सूरी को यह जानकारी मिली तो उसने कोटद्वार में मोहल्ला जौनपुर स्थित एक आवास में सुमित से बात की। इस दौरान दीपक भी वहां मौजूद था। रात में इनके बीच मारपीट हुई व सूरी वापस लौट गया।

शाह ने बताया कि करीब डेढ़ माह पूर्व सुमित ने सूरी को फोन कर उसे जान से मारने की धमकी दी, जिसके बाद सूरी ने सुमित को मारने की योजना बनाई। सुमित को मारने की सुपारी ढाई लाख रुपए में सिविल लाइन (रुड़की) निवासी विशाल उर्फ जौली पुत्र विजेंद्र कुमार को दी गई। विशाल अपने मित्र जॉनी के साथ 13 मार्च को बाइक से कोटद्वार पहुंचा, जहां दीपक ने उसे क्षेत्र के तमाम रास्तों से अवगत करवा दिया। रास्तों की जानकारी लेने के बाद उन्होंने सुमित की ढूंढ शुरु की, लेकिन वह नहीं मिला। विशाल बाइक को कोटद्वार में छोड़ वापस लौट गए। इसके बाद फिर 21 मार्च को दोनों ने सुमित की तलाश की, लेकिन उसका पता नहीं चला।

इस बीच, 22 मार्च को गढ़वाल टॉकिज के समीप उन्होंने सुमित को देख लिया व उसका पीछा करते हुए बेलाडाट चौराहे पर पहुंचे, जहां उन्होंने 30 एमएम की पिस्टल व 315 बोर के तमंचे से उस पर दो फायर झोंक दिए। गोली मारने के बाद दोनों बाइक से रोडवेज बस स्टैंड पर पहुंचे, जहां से दीपक रावत ने अपनी बाइक के जरिए उन्हें गोविंद नगर के रास्ते राष्ट्रीय राजमार्ग पर पहुंचा जीप से नजीबाबाद भिजवा दिया।

सीसीटीवी फुटेज से आए पकड़ में

पुलिस की मानें तो हत्याकांड के खुलासे में क्षेत्र में लगे सीसीटीवी कैमरों का अहम योगदान रहा। बताया कि घटनास्थल से करीब दो सौ मीटर एक प्रतिष्ठान में लगे सीसीटीवी कैमरे से युवकों के साथ ही बाइक की शिनाख्त हुई। करीब पांच मिनट बाद यही बाइक रोडवेज बस स्टैंड पर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई। इसी कैमरे से पता चला कि किस तरह दीपक रोडवेज बस स्टैंड पर पहुंचा और आरोपियों को अपनी बाइक में बिठाकर गोविंद नगर से होकर राष्ट्रीय राजमार्ग पर पहुंचा। गोविंदनगर स्थित एक वेडिंग प्वाइंट के सीसीटीवी फुटेज में यह नजर आया है।

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