भीमताल में ग्रामीणों ने खाई खोदकर बचाया बांज का जंगल

नैनीताल जिले के भीमताल में 70 लोगों ने चीड़ और बांज के जंगल के बीच खाई खोदकर धू-धू कर जल रहे जंगल को बचा लिया। यह मिशन आठ घंटे तक चला।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Sat, 29 Apr 2017 03:32 PM (IST) Updated:Sun, 30 Apr 2017 05:03 AM (IST)
भीमताल में ग्रामीणों ने खाई खोदकर बचाया बांज का जंगल
भीमताल में ग्रामीणों ने खाई खोदकर बचाया बांज का जंगल

भीमताल, [जेएनएन]: भीमताल ब्‍लॉक के अंतर्गत ग्राम सभा सोन के जंगल को आबादी क्षेत्र में आने से रोकने के लिए ग्रामीण प्रहरी की तरह खड़े हो गए। 70 लोगों ने चीड़ और बांज के जंगल के बीच खाई खोदकर धू-धू कर जल रहे जंगल को बचा लिया। यह मिशन आठ घंटे तक चला। ग्रामीणों के अथक प्रयास से 200 हेक्टेयर बांज का जंगल तथा गांव बच गया। इस आग से चीड़ के जंगल से लीसा निकालने वाले मजदूरों की झोपड़ी जलकर नष्ट हो गई।

गुरुवार की को सोन गांव के चीड़ के जंगल में आग लग गई। यह जंगल गांव से दो किमी दूरी पर था। देर शाम क्षेत्र में तेज हवा चलने लगी। इससे आग की लपटें गांव की तरफ बढ़ने लगी। दो किमी ऊपर जल रहे जंगल और जलकर जमीन में गिर रहे पेड़ों की आवाज से ग्रामीण खौफजदा थे। रात नौ बजे आग ने पूरा गांव घेर लिया। ग्रामीणों ने इससे निपटने का निर्णय लिया। उन्होंने सबसे पहले गांव के मुख्य पानी के स्रोत से लगे बांज के जंगल को बचाने का निर्णय लिया। ग्रामीण बेल्चा, फावड़ा, कुदाल संबंल आदि लेकर जंगल की ओर निकल पड़े। सबसे पहले उन्होंने बांज के जंगल से करीब 100 मीटर की दूरी पर आग लागई। 

यह आग ऊपर की ओर बढ़ने लगी, इससे ऊपर से जो आग गांव की ओर बढ़ रही थी वह रूक गई। नीचे उन्होंने खाई खोद दी। खुद प्रहरी बनकर आग बुझाने में जुट गए। तेज हवा आग सुलगाने का काम कर रहा था तो ग्रामीणों का जोश उसे आगे बढ़ने से रोक रहा था। 70 लोगों के जोश तथा आठ घंटे की मशक्कत के बाद ग्रामीणों ने शुक्रवार की सुबह पांच बजे आग पर काबू पा लिया। आग बुझाने में ग्राम प्रधान गिरीश पांडे, सरपंच यशपाल आर्या, सुमित सुयाल, विमल पलड़िया,जानकी बसंती, चंपा न्याल, अनीता न्याल के अलावा उम्र दराज लोग अधिक थे।

उधर, ग्राम प्रधान गिरीश पांडे ने बताया कि वन विभाग को सूचना देने के बाद भी एक भी कर्मचारी आग बुझाने नहीं पहुंचा। ग्रामीणों ने रातभर भारी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया। इससे जंगल के अलावा गांव का मुख्य पानी का स्रोत को भी बचा लिया।

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