पार्थिव शरीर घर पहुंचने पर गगनभेदी नारों से गूंजा आसमान, गश खाकर गिरी मां तो लिपटकर रोई पत्नी

गंगोलीहाट तहसील के नाली गांव निवासी 21 रेजीमेंट कुमाऊं के शहीद नायक शंकर सिंह महरा के अंतिम दर्शनों लिए सुबह से लोग जमा थे। पार्थिव शरीर के पहुंचते ही माहौल गमगीन हो गया।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sun, 03 May 2020 06:27 PM (IST) Updated:Sun, 03 May 2020 06:27 PM (IST)
पार्थिव शरीर घर पहुंचने पर गगनभेदी नारों से गूंजा आसमान, गश खाकर गिरी मां तो लिपटकर रोई पत्नी
पार्थिव शरीर घर पहुंचने पर गगनभेदी नारों से गूंजा आसमान, गश खाकर गिरी मां तो लिपटकर रोई पत्नी

गंगोलीहाट/पि‍थाैरागढ जेएनएन : शहीद के लिए मौसम ने भी सम्मान दिया। सुबह से खराब मौसम दोपहर होते -होते सुधर गया। गंगोलीहाट तहसील के नाली गांव निवासी 21 रेजीमेंट कुमाऊं के शहीद नायक शंकर सिंह महरा के अंतिम दर्शनों लिए सुबह से लोग जमा थे। पार्थिव शरीर के दशाईथल हेलीपैड पर पहुंचते ही माहौल गमगीन हो गया। शंकर तेरा यह बलिदान याद रखेगा हिन्दुस्तान, नारे से पूरा अासान गूंज उठा। पार्थिव शरीर के घर पहुंचने तक सेना के वाहन पर लोग पुष्प वर्षा करते रहे।

गगनभेदी नारों से गूंजा आसमान

देश सेवा के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले जाबांज शंकर सिंह महरा का शव दोपहर बाद गंगोलीहाट से तीन किमी दूर दशाईथल के हैलीपैड पर पहुंचा। सेना का हैलीकॉप्टर पार्थिव शरीर को जम्मू कश्मीर से बरेली लाया। बरेली से फिर पार्थिव शरीर को दशाईथल लाया गया। जहां पर पहले से ही क्षेत्र के लोग पहुंचे थे। जैसे ही हैलीकॉप्टर उतरा फिजा में शंकर तेरा यह बलिदान याद रखेगा हिंदुस्तान के नारे गूंजने लगे। सेना के जवान जैसे ही पार्थिव शरीर को रखे ताबूत को लेकर हैलीपैड से बाहर लाने लगे तो वहां पर मौजूद लोगों द्वारा उस पर फूल बरसाए जाने लगे। जब तक सूरज चांद रहेगा , तब तक शंकर तेरा नाम रहेगा जैसे नारे लगने लगे । दशाईथल से नाली गांव चालीस किमी की दूरी पर बस्तियों में लोगों द्वारा पार्थिव शरीर पर फूल चढ़ाए गए।

गश खाकर गिरी मां, पार्थिव शरीर से लिपट गई पत्नी

शहीद का पार्थिव शरीर के गांव पहुंचते ही कोहराम मच गया। शहीद के परिजनों के क्रंदन से पूरा माहौल गमगीन हो गया। एक तरफ मां जानकी पछाड़ खाकर गिरी तो दूसरी तरफ पत्नी इंदु शव से लिपट गई । पार्थिव शरीर के साथ आए शहीद के भाई नवीन सिंह सहित ग्रामीणों और जवानों ने दोनों को संभाला । शहीद का पांच वर्षीय पुत्र हर्षित पापा कहते हुए रोने लगा और उसके चाचा ने उसे गोद में लेकर संभाला। पूर्व सैनिक पिता मोहन सिंह ने जैसे तैसे अपने को संभाल कर वीर पुत्र के अंतिम दर्शन किए।

पार्थिव शरीर के साथ ये रहे मौजूद

शहीद के पार्थिव शरीर के साथ हैलीकॉप्टर के पायलट लेफ्टिनेंट कर्नल एचएस सिरोही , मेजर एके सिंह जम्मू कश्मीर से पहुंचे। उनके साथ सीएनएफ एस ड्रोसे गोपाल और 21 कुमाऊं के सूबेदार चंद्रा थे। इस मौके पर कर्नल विक्रम सधोत्रा, कै. राहुल कटारिया, सूबेदार महिपाल सिंह, नायब सूबेदार दरबान सिंह , नरेंद्र सिंह और 16 कुमाऊं के बीस जवान, जिले के प्रभारी मंत्री अरविंद पांडेय, भाजपा नेता बलराज पासी , संयुक्त मजिस्ट्रेट डॉ. सौरभ गहरवार, नायब तहसीलदार दिनेश कुटौला, , विधायक मीना गंगोला, दर्जा राज्यमंत्री फकीर राम, बीडीओ श्याम चंद, थानाध्यक्ष तारा सिंह राणा, कमुकेश रावल, राम सिंह बिष्ट सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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