Uttarakhand Scholarship Scam : छात्रवृत्ति हड़पने के लिए 2009 में मृत हुए पिता को 2014 में दिखाया जिंदा

छात्रा के वर्ष 2014 के आवेदन पत्र पर अभिभावक के हस्ताक्षर के स्थान पर पिता के हस्ताक्षर मौजूद थे। परिजनों से पूछताछ में पता चला कि पिता की मौत वर्ष 2009 में ही हो चुकी है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Tue, 14 Jan 2020 09:02 AM (IST) Updated:Tue, 14 Jan 2020 09:02 AM (IST)
Uttarakhand Scholarship Scam : छात्रवृत्ति हड़पने के लिए 2009 में मृत हुए पिता को 2014 में दिखाया जिंदा
Uttarakhand Scholarship Scam : छात्रवृत्ति हड़पने के लिए 2009 में मृत हुए पिता को 2014 में दिखाया जिंदा

बाजपुर (ऊधमसिंह नगर), जेएनएन : बेशक माता-पिता मरते दम तक अपनी संतान के लिए कुछ भी करने से पीछे नहीं हटते, लेकिन दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले की जांच में जो तथ्य सामने आए हैं उसके अनुसार बेटी को छात्रवृत्ति दिलाने के लिए वर्षों पहले परलोक सिधार चुके पिता को स्वर्ग से जमीं पर उतरकर आना पड़ा! चौंक गए न...। घोटालेबाजों ने चालाकी दिखाने के चक्कर में कई ऐसी गलतियां कर दीं जिससे छात्रवृत्ति घोटाला परत दर परत खुलता चला गया।

जांच में बाजपुर में चौका देने वाला मामला प्रकाश में आया। इसमें एक छात्रा के वर्ष 2014 के आवेदन पत्र पर अभिभावक के हस्ताक्षर के स्थान पर पिता के हस्ताक्षर मौजूद थे। परिजनों से पूछताछ में पता चला कि पिता की मौत वर्ष 2009 में ही हो चुकी है। ऐसे में जांच अधिकारी को समझते देर नहीं लगी कि यहां भी खेल हुआ है।  इस संबंध में जांच अधिकारी एसएसआइ महेश कांडपाल से बात की गई तो उन्होंने गोपनीय जांच का हिस्सा होने की बात कहते हुए कोई भी आधिकारिक बयान देने से मना कर दिया।

जांच एजेंसी लगातार कर रही कार्रवाई

एसआइटी जांच में छात्रवृत्ति घोटाले में लिप्त लोगों पर शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। एसआइटी अब तक करोड़ों के घोटाले के इस मामले में बाजपुर व जसपुर में सात मुकदमें दर्ज करा चुकी है। एक मुकदमा घोटाले में लिप्त अधिकारियों के खिलाफ दर्ज कराने के लिए टीम ने ताल ठोंक दी है। घोटाले में लिप्त अधिकारियों के खिलाफ साक्ष्य मिले है। चिन्हित किए जा चुके अधिकारी एसआइटी का अगला निशाना है। लेकिन टीम एक एक कदम जांच में फूंक कर रख रही है, जिससे किसी तरह की किरकिरी इस मामले में न हो। साक्ष्य मिलने के बाद उसका पूरा मसौदा तैयार कर पुलिस मुख्यालय भेजा जा रहा है। वहां पर इसका गहन अध्यन करने के बाद एफआइआर की अनुमति के बाद ही योजनाबद्ध तरीके से एफआइआर दर्ज की जा रही है। जनजााति बाहुल्य क्षेत्र खटीमा व नानकमत्ता में भी साक्ष्य मिलने लगे है। वहां भी किए गए सत्यापन के दौरान तथ्य सामने आए उसके आधार पर बड़ा घोटाला सामने आ रहा है। पूरे ऊधमसिंह नगर में एक के बाद एक मामले खुलते जा रहे हैं।

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