हरीश रावत या रणजीत रावत के नामों की चर्चा से हाट हुई सल्ट विधानसभा सीट

पूर्व सीएम हरीश रावत और पूर्व विधायक हरीश रावत या रणजीत रावत के सल्ट विधानसभा से चुनाव लड़ने की चर्चा से यह सीट हाट हो गई है। अब कांग्रेस इस सीट पर किसके नाम पर दाव लगाती है यह अगले एक दो दिन में स्पष्ट हो जाएगा।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sun, 23 Jan 2022 05:11 PM (IST) Updated:Sun, 23 Jan 2022 05:11 PM (IST)
हरीश रावत या रणजीत रावत के नामों की चर्चा से हाट हुई सल्ट विधानसभा सीट
जिले के पांच विधानसभाओं के प्रत्याशियों के नाम की घोषणा तो कर दी गई। लेकिन सल्ट को छोड़ दिया गया।

जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा : पूर्व सीएम हरीश रावत और पूर्व विधायक हरीश रावत या रणजीत रावत के सल्ट विधानसभा से चुनाव लड़ने की चर्चा से यह सीट हाट हो गई है। अब कांग्रेस इस सीट पर किसके नाम पर दाव लगाती है यह अगले एक दो दिन में स्पष्ट हो जाएगा। भाजपा ने यहां पर महेश जीना को अपना प्रत्याशी घोषित किया है।

शनिवार की देर रात कांग्रेस ने अपने प्रत्याशियों की सूची जारी की। जिसमें जिले के पांच विधानसभाओं के प्रत्याशियों के नाम की घोषणा तो कर दी गई। लेकिन सल्ट विधानसभा को छोड़ दिया गया। अब सल्ट विधानसभा से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत व पूर्व विधायक हरीश रावत या रणजीत रावत के नाम की चर्चा है। दिन भर दोनों के नाम लोगों की जुबां पर रहे। यह भी कयास लगाए जा रहे है कि रामनगर की स्थिति स्पष्ट होते ही सल्ट विधानसभा से लड़ने वाले की प्रत्याशी की तस्वीर साफ हो जाएगी। दोनों हैवीवेटों में से पार्टी किसी को भी टिकट दे लेकिन मुकाबला रोचक हो जाएगा।

परिसीमन के बाद बदला भूगोल और कांग्रेस के हाथ से फिसली सीट

सल्ट विधानसभा से दो बार 2002 व 2007 में कांग्रेस के टिकट पर रणजीत रावत चुनाव जीत चुके हैं। 2012 में हुए परिसीमन के बाद भिकियासैंण विधानसभा का बड़ा हिस्सा सल्ट विधानसभा से जुड़ गया। जिसके बाद से यह सीट कांग्रेस के हाथों से चली गई। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के रणजीत रावत को भाजपा के सुरेंद्र सिंह जीना ने पटखनी दी। जीना को 23956 व रणजीत रावत को 18512 मत मिले। इसके बाद वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने यहां से गंगा पंचोली को अपना प्रत्याशी घोषित किया। जीना को 21581 मत मिले जबकि गंगा पंचोली को 18677 मत मिले। 2021 में कोविड से विधायक सुरेंद्र सिंह जीना की असमय मौत हो गई। जिसके बाद हुए उपचुनाव में उनके भाई महेश जीना ने यहां से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत गए। एक बार फिर भाजपा ने उन्हें टिकट दिया है। अब कांग्रेस के प्रत्याशी का इंतजार किया जा रहा है।

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