Uttarakhand Chunav 2022 : उत्तराखंड के चम्पावत में महिलाओं को कांग्रेस ने आज तक नहीं दिया टिकट

Uttarakhand Chunav 2022 विधानसभा क्षेत्र चम्पावत से अब तक दो बार महिलाओं को टिकट मिला है। संयोग से दोनों ही बार महिला प्रत्याशी भाजपा की थीं। कांग्रेस इस मामले में फिसड्डी रही है। इस सीट पर कांग्रेस के महिला उम्मीदवारों को प्राथमिकता में रखा ही नहीं।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sun, 16 Jan 2022 09:17 AM (IST) Updated:Sun, 16 Jan 2022 09:17 AM (IST)
Uttarakhand Chunav 2022 : उत्तराखंड के चम्पावत में महिलाओं को कांग्रेस ने आज तक नहीं दिया टिकट
उत्तराखंड के चम्पावत में महिलाओं को कांग्रेस ने आज तक नहीं दिया टिकट

संवाद सहयोगी, चम्पावत : विधानसभा क्षेत्र चम्पावत से अब तक दो बार महिलाओं को टिकट मिला है। संयोग से दोनों ही बार महिला प्रत्याशी भाजपा की थीं। कांग्रेस इस मामले में फिसड्डी रही है। राज्य गठन के बाद वर्ष 2002 से अब तक हुए चार चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस के महिला उम्मीदवारों को प्राथमिकता में रखा ही नहीं। जबकि पार्टी से पूर्व जिलाध्यक्ष रही निर्मला गहतोड़ी और मैदानी क्षेत्र बनबसा से विमला सजवाण प्रमुख महिला दावेदार रही हैं। इस बार भी दोनों ने महिला कोटे से दावेदारी की है।

वर्ष 2007 में भाजपा ने बीना महराना को टिकट दिया। बीना ने यह सीट पार्टी को जिताकर दी। चुनाव जीतने के बाद उन्हें भुवन चंद्र खंडूरी मंत्रिमंडल में महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री बनाया गया। वर्ष 2012 में भाजपा ने तत्कालीन पार्टी जिलाध्यक्ष हेमा जोशी को टिकट दिया। हालांकि हेमा जोशी पार्टी को जीत नहीं दिला पाईं और वे तीसरे स्थान पर रहीं। इन चुनावों में भाजपा तीसरे नंबर पर खिसक गई। पार्टी ने चार चुनावों में पुरूष और महिला प्रत्याशियों को बराबर का मौका दिया है।

वर्ष 2002 में हयात सिंह माहरा, वर्ष 2007 में बीना महराना, 2012 में हेमा जोशी और वर्ष 2017 में कैलाश गहतोड़ी भाजपा की ओर से चुनाव लड़ चुके हैं। इस बार भाजपा की ओर से किसी भी महिला ने अपनी दावेदारी नहीं की है। कांग्रेस पार्टी की बात करें महिलाएं दावेदारी करती रही हैं, लेकिन उन्हें टिकट नहीं दिया जाता। पार्टी की वरिष्ठ नेता विमला सजवाण और निर्मला गहतोड़ी ने इस बार भी दावेदारी की है।

वर्ष 2002 में विमला सजवाण चम्पावत सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में भी चुनाव लड़ चुकी हैं, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। देखना यह है कि इस बार कांग्रेस किसी महिला को प्रत्याशी बनाती है या नहीं। सूत्रों के अनुसार इस बार भी कांग्रेस में महिला प्रत्याशियों को निराशा का सामान करना पड़ेगा। यहां से हेमेश खर्कवाल का टिकट पक्का माना जा रहा है। जिले की लोहाघाट विधान सभा की बात करें तो यहां न तो भाजपा और न ही कांग्रेस ने कभी भी महिला को प्रत्याशी नहीं बनाया।

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