पीढ़ि‍यों बाद दस वनराजि परिवारों को मिला जमीन पर मालिकाना हक, अब बैंक लोन और सरकारी योजनाओं का मिलेगा लाभ

पिथौरागढ़ और चंपावत में ही वनराजि जाति रहती है। पिथौरागढ़ जिले में 11 और चंपावत जनपद में 01 गांव वनराजियों का है। वन भूमि में बसे इन गांवों में रहने वाले परिवारों को कई पीढिय़ों से अपनी जमीन पर मालिकाना हक नहीं मिल पाया था।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Sat, 02 Jan 2021 03:29 PM (IST) Updated:Sat, 02 Jan 2021 03:29 PM (IST)
पीढ़ि‍यों बाद दस वनराजि परिवारों को मिला जमीन पर मालिकाना हक, अब बैंक लोन और सरकारी योजनाओं का मिलेगा लाभ
आपत्तियों को दूर करने के बाद शनिवार को इन परिवारों को भी पट्टे जारी कर दिए गए हैं।

जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़ : प्रदेश की एक मात्र आदिम जनजाति वनराजि के 10 परिवारों को अपनी भूमि का मालिकाना हक मिल गया है। कई पीढिय़ों के बाद मिले इस मालिकाना हक से वनराजि परिवार गदगद है। भूमि पर मालिकाना हक मिल जाने के बाद इन परिवारों को तमाम योजनाओं का लाभ मिल सकेगा। 

उत्तराखंड के सीमांत जिले पिथौरागढ़ और चंपावत में ही वनराजि जाति रहती है। पिथौरागढ़ जिले में 11 और चंपावत जनपद में 01 गांव वनराजियों का है। वन भूमि में बसे इन गांवों में रहने वाले परिवारों को कई पीढिय़ों से अपनी जमीन पर मालिकाना हक नहीं मिल पाया था। जिसके चलते न तो इन्हें बैंक ऋण देते थे और नहीं इन्हें सभी सरकारी योजनाओं का लाभ मिल पा रहा था। वर्ष 2006 में केंद्र सरकार ने वन भूमि में बसे अनुसूचित जनजाति के लोगों को भूमि पर मालिकाना हक देने के लिए वनाधिकार कानून लागू किया था। इस कानून के तहत सीमांत जिले के 19 परिवारों को वर्ष 2013 में भूमि पर मालिकाना हकर देने के लिए पट्टे जारी किए गए थे। दस परिवारों का मामला विभिन्न आपत्तियों के चलते फंस गया था। इन आपत्तियों को दूर करने के बाद शनिवार को इन परिवारों को भी पट्टे जारी कर दिए गए हैं। 

उत्तराखंड जनजाति आयोग के उपाध्यक्ष गणेश मर्तोलिया और एसडीएम केएन गोस्वामी ने वनराजि परिवारों के गांव कूटा चौरानी और मदनपुरी पहुंचे। उन्होंने दस परिवारों को पट्टे वितरित किए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि अब वनराजि परिवारों को भूमि पर मालिकाना हक मिल गया है। गांव में स्वास्थ शिविर भी लगाया गया, जिसमें 60 लोगों का स्वास्थ परीक्षण कर उन्हें दवा वितरित की गई। 50 परिवारों को दो-दो कम्बल वितरित किए गए। इस अवसर पर ग्राम प्रधान महेश सिंह कन्याल ने क्षेत्र की समस्या आयोग उपाध्यक्ष के समक्ष रखी। आयोग उपाध्यक्ष ने समस्या समाधान का भरोसा दिलाया।

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