देहरादून के सुरेंद्र पुंडीर चुने गए उत्तराखंड बार काउंसिल के नए अध्यक्ष NAINITAL NEWS

उत्तराखंड बार काउंसिल के चेयरमैन के चुनाव में देहरादून के सुरेंद्र पुंडीर अध्यक्ष बने। उन्हें 12 मत मिले जबकि दूसरे प्रत्याशी सुखपाल सिंह को नौ मत मिले।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Tue, 25 Jun 2019 06:21 PM (IST) Updated:Wed, 26 Jun 2019 11:46 AM (IST)
देहरादून के सुरेंद्र पुंडीर चुने गए उत्तराखंड बार काउंसिल के नए अध्यक्ष NAINITAL NEWS
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नैनीताल, जेएनएन : उत्तराखंड बार काउंसिल चेयरमैन के चुनाव में देहरादून के सुरेंद्र पुंडीर एक बार फिर विजयी हुए हैं। बार काउंसिल ऑफ इंडिया के ट्रिब्यूनल के आदेश के अनुपालन में चेयरमैन पद के लिए दोबारा यह मतदान हुआ। अब इस निर्वाचन प्रक्रिया पर भी फिर से आपत्ति दाखिल की गई है। ऐसे में चेयरमैन पद के परिणाम की आधिकारिक घोषणा बार काउंसिल ट्रिब्यूनल द्वारा ही की जाएगी। 
मंगलवार सुबह 11 बजे से बार काउंसिल भवन में निर्वाचन अधिकारी पूर्व कार्यवाहक चीफ जस्टिस बीसी कांडपाल की मौजूदगी में चेयरमैन पद के लिए मतदान हुआ। महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर समेत 21 सदस्यों ने मताधिकार का प्रयोग किया। जिसमें चेयरमैन पद के लिए प्रत्याशी दून के सुरेंद्र पुंडीर व हरिद्वार के सुखपाल सिंह मैदान में थे। चुनाव अधिकारी ने बताया कि सुरेंद्र पुंडीर को 12 जबकि सुखपाल सिंह को नौ मत मिले। उन्होंने साफ किया कि फिलहाल मतगणना में पुंडीर विजयी घोषित हुए हैं मगर इसकी विधिवत घोषणा ट्रिब्यूनल में भेजे गए प्रत्यावेदन के निस्तारण के बाद ही होगी। उन्होंने बताया कि विस्तृत रिपोर्ट ट्रिब्यूनल को भेजी जा रही है। इस अवसर पर बार काउंसिल सचिव विजय सिंह, उपाध्यक्ष राजबीर बिष्टï, सदस्य विजय भट्ट, डीके शर्मा, हरि सिंह नेगी, कुलदीप कुमार सिंह, मनमोहन लांबा, योगेंद्र तोमर, महेंद्र पाल, अमरपाल, पृथ्वीराज चौहान, विरेंद्र मटूरा, हिमांशु सिन्हा, सुभाष त्यागी, सुरेंद्र मित्तल आदि मौजूद थे। 

निर्वाचन प्रक्रिया को अवैध करार दिया
बार काउंसिल ऑफ उत्तराखंड के सदस्य चंद्रशेखर तिवारी ने मंगलवार को हुई निर्वाचन प्रक्रिया को अवैध ठहराते हुए निरस्त करने की मांग की है। चुनाव अधिकारी को दिए प्रत्यावेदन में कहा है कि चुनाव ट्रिब्यूनल ने पूरी चुनाव प्रक्रिया नए सिरे से निपटाने का आदेश बार काउंसिल ऑफ उत्तराखंड को दिए थे। ट्रिब्यूनल ने पूरी चुनाव प्रक्रिया को रद कर दिया था। पत्र में पूरी निर्वाचन प्रक्रिया को अवैध करार दिया गया है। साथ ही नए सिरे से चुनाव प्रक्रिया शुरू करने का आग्रह किया है। 

अधिवक्ता सुरक्षा योजना में पांच लाख दिलाने की होगी कोशिश
32 साल से देहरादून में प्रैक्टिस कर रहे अधिवक्ता सुरेंद्र पुंडीर 2004 से ही बार काउंसिल के सदस्य हैं। 2009 में वह बार काउंसिल उपाध्यक्ष भी रहे। फिलहाल विजयी घोषित किए गए पुंडीर ने कहा कि दस मई  2015 को बार काउंसिल भंग हुई, तब से विशेष कमेटी काम कर रही है और इससे अधिवक्ताओं को योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा था। तीन साल से दिवंगत अधिवक्ताओं के परिवारों को अधिवक्ता सुरक्षा निधि से भुगतान नहीं हुआ है। उनकी प्राथमिकता है कि यह निधि जारी हो। साथ ही इसे 50 हजार से बढ़ाकर पांच लाख कर दिया गया है। बार काउंसिल को सालाना एक करोड़ मिले, इसके लिए सरकार से वार्ता की जाएगी। साथ ही उत्तर प्रदेश बार काउंसिल की अधिवक्ता कल्याण को संचालित योजनाओं का अध्ययन कर यहां भी लागू की जाएंगी। 

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