कुमाऊं - गढ़वाल में पहला कैथोलिक स्कूल है नैनीताल का सेंट जोसफ कॉलेज

देश-दुनिया में प्रसिद्ध शिक्षण संस्थानों की वजह से नैनीताल को शिक्षा का हब कहा जाता है। 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में यहां तमाम अंग्रेजों ने शरण ली। उन्होंने शहर को बेहतर सुविधाओं से युक्त किया। बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किए तो शिक्षा को लेकर माहौल बनाया।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Thu, 03 Dec 2020 08:43 AM (IST) Updated:Thu, 03 Dec 2020 08:43 AM (IST)
कुमाऊं - गढ़वाल में पहला कैथोलिक स्कूल है नैनीताल का सेंट जोसफ कॉलेज
कुमाऊं - गढ़वाल में पहला कैथोलिक स्कूल है नैनीताल का सेंट जोसफ कॉलेज

नैनीताल, किशोर जोशी : देश-दुनिया में प्रसिद्ध शिक्षण संस्थानों की वजह से नैनीताल को शिक्षा का हब कहा जाता है। 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में यहां तमाम अंग्रेजों ने शरण ली। उन्होंने शहर को बेहतर सुविधाओं से युक्त किया। बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किए तो शिक्षा को लेकर माहौल बनाया। अच्छी जलवायु को देखते हुए यूरोपीय बच्चों के लिए शिक्षण संस्थान प्रारंभ किए गए। आयरिस ब्रदर एसोसिएशन द्वारा कैथोलिक स्कूल सेंट जोसफ की स्थापना की। यह ब्रिटिश कुमाऊं-गढ़वाल का पहला कैथोलिक स्कूल था। कुछ ही समय में इसे अच्छी खासी ख्याति मिल गई। इसकी स्थापना 1887 में लांगव्यू में की गई, फिर 1889 में इसे शिफ्ट किया गया। जहां वर्तमान में स्थित है।

आयरिस ब्रदर्स एशोसिएशन एक अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक संगठन है, जिसकी स्थापना 1802 में एडमंड राइस द्वारा आयरलैंड में वॉटर फोड नामक स्थान पर की गई थी। आज इसकी शाखाएं भारत समेत पूरी दुनिया में हैं। इतिहासकार प्रो. अजय रावत के अनुसार सेंट जोसफ कॉलेज को स्थानीय लोग पादरी स्कूल, जबकि नेपाली पातड़ी स्कूल कहते थे। सेंट जोसफ पहले सेमिनरी या धार्मिक पाठशाला के रूप में स्थापित किया गया था। इसीलिए आज भी स्कूल का लोकप्रिय नाम सेम ही है। नैनीताल से पहले यह सेमिनरी दार्जिलिंग में स्थित थी। 1887 में इसका स्थानांतरण नैनीताल किया गया। शुरू में इसे लांगव्यू में आरम्भ किया गया, बाद में 1889 में इसे शिफ्ट किया गया। जहां वर्तमान में है।

सेमिनरी में धार्मिक शिक्षा के साथ साधारण शिक्षा दी जाती थी, लेकिन यह दोहरी योजना स्थानीय लोगों व कैथोलिक चर्च को सही नहीं लगी। तब 22 अप्रैल 1892 को सेमिनरी को समाप्त कर ब्रदर फेबियन के नेतृत्व में शिक्षण संस्था का स्वरूप दिया गया। इस प्रकार सेंट जोसफ कॉलेज का जन्म हुआ। कैम्ब्रिज विवि देता था डिग्री प्रो रावत के अनुसार स्थापना के समय आजादी के बाद 1962 तक यह स्कूल लोअर केजी सीनियर कैम्ब्रिज तक था। सीनियर केम्ब्रिज की परीक्षा कैम्ब्रिज विवि इंग्लैंड द्वारा ली जाती थी। डिग्री भी कैम्ब्रिज विवि ही देता था। वर्तमान में यह विद्यालय 12 वीं तक है और आईसीएसई बोर्ड से सम्बद्ध है।

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