कनाडा के बोर्ड ऑफ गवर्नर में किच्छा के शक्ति लड़ेंगे भारतीय छात्रहितों की लड़ाई

कनाडा का बोर्ड ऑफ गवर्नर इंदरपुर निवासी छात्र की शक्ति से ऊर्जा प्राप्त करेगा। वहां ओमनगन कॉलेज में भारतीय छात्रों के हितों की लड़ाई लड़ेगा।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sat, 17 Nov 2018 10:26 AM (IST) Updated:Sat, 17 Nov 2018 07:58 PM (IST)
कनाडा के बोर्ड ऑफ गवर्नर में किच्छा के शक्ति लड़ेंगे भारतीय छात्रहितों की लड़ाई
कनाडा के बोर्ड ऑफ गवर्नर में किच्छा के शक्ति लड़ेंगे भारतीय छात्रहितों की लड़ाई

वसंदीप जुनेजा, किच्छा : कनाडा का बोर्ड ऑफ गवर्नर इंदरपुर निवासी छात्र की 'शक्ति' से ऊर्जा प्राप्त करेगा। वहां ओमनगन कॉलेज संचालन की रणनीति में वह अहम भूमिका अदा कर भारतीय छात्रों के हितों की लड़ाई लड़ेगा।

प्रतिभा का धनी यह युवक शक्ति शेखर सिंह देहरादून से बीबीए करने के बाद एमबीए की शिक्षा के लिए कनाडा गया। वहां कलोना ब्रिटिश कोलंबिया राज्य के ओमनगन कॉलेज में दो वर्षीय मार्केटिंग डिप्लोमा के लिए प्रवेश लिया। कॉलेज के अहम निर्णय के लिए प्रति वर्ष गठित होने वाली बोर्ड ऑफ गर्वनर के चुनाव में शक्ति शेखर ने बाजी मार ली।

दो स्थानीय व एक पंजाबी से थी टक्कर

दो पदों के सापेक्ष चार छात्रों ने चुनाव लड़ा था। चुनाव लडऩे वाले दो कनाडा के स्थानीय युवक थे। जबकि शक्ति के साथ दूसरी प्रत्याशी पंजाब की करमवीर कौर थीं। 13 से 17 अक्टूबर तक हुए ऑनलाइन मतदान के बाद 18 अक्टूबर को परिणाम घोषित हुए तो शक्ति शेखर ङ्क्षसह को छह सदस्यीय बोर्ड ऑफ गर्वनर के लिए चुन लिया गया।

पिता सेना से रिटायर, परिवहन विभाग में पोस्ट

शक्ति शेखर के पिता अनिल कुमार ङ्क्षसह सेना का कार्यकाल पूरा करने के बाद परिवहन विभाग की चेक पोस्ट पर कार्यरत हैं। सदस्य चुने जाने के बाद हाल ही में शक्ति शेखर ङ्क्षसह अपने घर लौटे हैं। उन्होंने बताया कि छात्र हितों के लिए कार्य करना ही उनका लक्ष्य है।

ये है मतदान की प्रक्रिया

चुनाव की घोषणा के साथ ही विद्यालय में अध्यनरत छात्र व छात्राओं को ईमेल के माध्यम से सूचना प्रेषित की जाती है। इसमें नामांकन से लेकर मतदान के लिए ऑनलाइन व्यवस्था का पूरा उल्लेख होता है। मतों की संख्या को गोपनीय रखते हुए चुने जाने वाले प्रत्याशी के नाम की घोषणा की जाती है। कॉलेज में लगभग चार हजार छात्र व छात्राएं अध्यनरत हैं।

यह होगी बोर्ड ऑफ गर्वनर

कुलपति            एक पद : नामित

डीन                  एक पद : नामित

प्रोफेसर             दो पद : चुनाव द्वारा

छात्र प्रतिनिधि    दो पद  : चुनाव द्वारा

इन मुद्दों पर संघर्ष की तैयारी

शक्ति शेखर का लक्ष्य फीस स्ट्रक्चर को एक समान बनाना है। स्थानीय छात्रों को जहां चार सौ से पांच डालर अदा करने पड़ते हैं। वहीं भारतीय छात्रों को उसी शिक्षा के लिए 1500 डालर तक खर्च करने पड़ते हैं।

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