पिंजरे में कैद हुए दो तेंदुओं को नैनीताल चिडिय़ाघर भेजने की तैयारी

ज्योलीकोट क्षेत्र से पकड़े गए दो गुलदारों को नैनीताल चिडिय़ाघर भेजने की तैयारी की जा रही है। आबादी एरिया के पास से इन्हें पकड़ा गया था। इसमें से एक गुलदार की डीएनए रिपोर्ट देहरादून स्थित भारतीय वन्यजीव संस्थान से आना बाकी है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 12:29 PM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 05:57 PM (IST)
पिंजरे में कैद हुए दो तेंदुओं को नैनीताल चिडिय़ाघर भेजने की तैयारी
पिंजरे में कैद हुए दो तेंदुओं को नैनीताल चिडिय़ाघर भेजने की तैयारी

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : ज्योलीकोट क्षेत्र से पकड़े गए दो गुलदारों को नैनीताल चिडिय़ाघर भेजने की तैयारी की जा रही है। आबादी एरिया के पास से इन्हें पकड़ा गया था। इसमें से एक गुलदार की डीएनए रिपोर्ट देहरादून स्थित भारतीय वन्यजीव संस्थान से आना बाकी है। एक सप्ताह के भीतर दोनों पिंजरे में कैद हुए थे। रेंजर के मुताबिक डीएफओ से इस संबंध में बात हो चुकी है। रानीबाग स्थित रेस्क्यू सेंटर में इस समय वर्तमान में एक बाघ और तीन गुलदार रखे गए हैं।

आठ अक्टूबर को ज्योलीकोट के पास स्थित मटियाल क्षेत्र से नेपाली मूल के श्रमिक भानु का दो वर्षीय बेटा राघव आंगन से गायब हो गया था। अगले दिन सुबह घर से कुछ दूरी पर उसका क्षत-विक्षिप्त शव बरामद हुआ। मासूम को गुलदार ने निवाला बनाया था। नौ अक्टूबर की शाम को वन विभाग की टीम एक गुलदार को पिंजरे में कैद करने में कामयाब रही। जिसके बाद उसे रेस्क्यू सेंटर लाया गया। डीएनए टेस्ट के लिए इसका सैंपल डब्लूडब्लूआइ को भेजा गया है।

वहीं, मटियाल के पास आम पड़ाव क्षेत्र से 15 अक्टूबर को एक और गुलदार फारेस्ट के पिंजरे में कैद हुआ था। जिसके बाद इसे भी रानीबाग स्थित रेस्क्यू सेंटर में रखा गया है। वहीं, रेंजर बीएस मेहता ने बताया कि दोनों गुलदारों को जू भेजने की योजना बनाई जा रही है। नैनीताल स्थित चिडिय़ाघर में रखे अन्य वन्यजीवों की उम्र ज्यादा होने की वजह से भी अधिकारी इस पर विचार कर रहे हैं। हालांकि, चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन के अलावा केंद्रीय चिडिय़ाघर प्राधिकरण की अनुमति इसके लिए लेनी होगी।

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