Haldwani Ramleela: राजनीति के धुरंधर विधायक ने खींचा ध्यान, 3 घंटे पहले पहुंचे, अंतिम क्षण तक खुद को परखते रहे

Haldwani Ramleela भगत विधायक न होकर अयोध्या नरेश हैं। सजे-धजे व रामलीला के मंझे हुए कलाकार दशरथ को देखने के लिए हल्द्वानी के ऊंचापुल रामलीला मैदान पर दर्शक उमड़ आए हैंI रात्रि साढ़े 12 बजे लीला को विराम देने के बाद घर पहुंच भगत ने भोजन किया।

By ganesh pandeyEdited By: Publish:Sat, 01 Oct 2022 07:47 AM (IST) Updated:Sat, 01 Oct 2022 07:47 AM (IST)
Haldwani Ramleela: राजनीति के धुरंधर विधायक ने खींचा ध्यान, 3 घंटे पहले पहुंचे, अंतिम क्षण तक खुद को परखते रहे
किरदार में उतर जाने की चाह रखने वाले भगत नहीं चाहते इसमें छोटी सी भी कमी रहे...।

गणेश पांडे, हल्द्वानी : Haldwani Ramleela: राजनीतिक मंच के धुरंधर बंशीधर भगत राजा दशरथ के चरित्र को जीवंत करने के लिए एक बार फिर रामलीला के मंच पर हैं। भगत विधायक न होकर अयोध्या नरेश हैं। सजे-धजे व रामलीला के मंझे हुए कलाकार दशरथ को देखने के लिए हल्द्वानी के ऊंचापुल रामलीला मैदान पर दर्शक उमड़ आए हैं। दीप प्रज्वलन के बाद मंच से अतिथि का संबोधन हो रहा है...। पर्दे के पीछे दशरथ अपने दृश्य का अभ्यास कर रहे हैं...। किरदार में उतर जाने की चाह रखने वाले भगत नहीं चाहते इसमें छोटी सी भी कमी रहे...।

दशरथ तो चलता है, लेकिन दशरथ के पांव नहीं चलते

श्रीराम के राज्याभिषेक की घोषणा सुन मंथरा के उकसाने पर रानी कैकेई कोप भवन में बैठी हैं। दशरथ कहते हैं, प्रिया तुम काहे होत मलीन। रानी कैकेई न मानी तो फिर कोशिश हुई, सुनहु प्रिया मैं कहु सतवानी, तुम कहं प्राणप्रिया निज जानी...। महारानी टस से मस नहीं हुई। चलते हैं सच्चे वीर सदा पर झूठे दांव नहीं चलते। दशरथ तो चलता है, लेकिन दशरथ के पांव नहीं चलते... संवाद के साथ भगत का अभिनय दर्शकों का दिल जीत लेता है। भगत देर रात तक मंच पर तो दर्शक कुर्सियों पर जमे रहे। रात्रि साढ़े 12 बजे लीला को विराम देने के बाद घर पहुंच भगत ने भोजन किया।

जरा देखो, मेरा संतरी पहुंचा या नहीं

छह बजे आयोजन स्थल पहुंचे भगत सीधे ड्रेसिंग रूम में प्रवेश करते हैं। गोपाल सिंह धोनी दशरथ का मेकअप कर रहे हैं। कहते हैं 'जब से भगत जी ने अभिनय शुरू किया, मैं ही उन्हें संवार रहा हूं।' अपनी उम्र भगत जी से डेढ़ वर्ष अधिक बताते हैं। अन्य कलाकारों के पहुंचने के साथ मेकअप रूम में हलचल बढ़ रही है। तभी निर्देशक केदार जोशी आते हैं। दशरथ पूछते हैं मेरा संतरी (सुमंत) पहुंचा या नहीं? उसे समझा दो, मंच पर पहुंचते ही महाराज की जय हो कहे। मुस्कुराते निर्देशक संतरी को तलाशने नजर दौड़ाते हैं।

रानी सुमित्रा नहीं दिख रही

राजा दशरथ की पोशाक धारण करते भगत साथ में संवाद बोलते हुए अपनी तैयारी परख रहे। पास खड़े सुमंत बने चेतन एकाग्रता से सुन रहे। तभी ड्रेसिंग रूम पहुंचे मेयर डा. जोगेंद्र रौतेला ने पांव छूते हुए दशरथ का आशीर्वाद लिया। कुछ देर बाद कहते हैं रानी सुमित्रा नहीं दिख रही। कैकेई का अभिनय करने वाले सुंदर बिष्ट घर से तैयार होकर ही स्थल पर पहुंचते हैं। आठ साल से दोनों की जोड़ी मंच पर उतर रही है।

46 साल से करते आ रहे अभिनय

विधायक भगत पिछले 46 सालों से रामलीला के मंच पर अभिनय कर रहे हैं। 1976 में पहली बार ऊंचापुल की रामलीला में दशरथ का अभिनय किया था। शुरुआत में अंगद, परशुराम के गंभीर किरदार भी निभाए। 73 वर्षीय भगत की उम्र पर उनका उत्साह, हुनर भारी दिखता है। भगत कहते हैं, श्रीराम की कृपा से सब काम हो रहा है। करते हैं मेरे प्रभु जी, मेरा नाम हो रहा है।

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