बदमाशी की पर्याय हो गई है राजनीति : सीएम त्रिवेंद्र रावत nainital news

नैनीताल पहुंचे सीएम ने कहा कि राजनीति बदमाशी का पर्याय बन गई है। कुछ राजनीतिज्ञों के गड़बड़ होने की वजह से घर-घर में धारणा बन गई है कि राजनीति में बिल्कुल मत जाना।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sun, 29 Dec 2019 09:30 AM (IST) Updated:Mon, 30 Dec 2019 02:10 PM (IST)
बदमाशी की पर्याय हो गई है राजनीति : सीएम त्रिवेंद्र रावत nainital news
बदमाशी की पर्याय हो गई है राजनीति : सीएम त्रिवेंद्र रावत nainital news

किशोर जोशी, नैनीताल। अच्छे लोगों की वजह से समाज चल रहा है। अच्छे लोगों को राजनीति हो या अन्य क्षेत्र, सभी में आगे आना चाहिए। राजनीति बदमाशी का पर्याय बन गई है। कुछ राजनीतिज्ञों के गड़बड़ होने की वजह से घर-घर में धारणा बन गई है कि राजनीति में बिल्कुल मत जाना। अधिकारी बाहर से अच्छा है, उसके पास पैसा है मगर अंदर से उतना ही काला है, किसी को अपने बारे में इस तरह की धारणा बनाने से बचना चाहिए। नैनीताल में उत्तराखंड प्रशासन अकादमी में अधिकारियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम पूरी रौ में नजर आए। बोले कामकाज व व्यवहार में पारदर्शिता होनी चाहिए।

उन्होंने 1985 में देहरादून के एक कॉलेज का वाकया सुनाते हुए कहा कि डॉ नित्यानंद नामक प्रधानाचार्य बच्चों को पोस्टकार्ड लिखते थे। जब वह रिटायर हुए तो उन्हें विदाई देने समाज उमड़ पड़ा। उन्होंने कहा कि कुछ लोग गड़बड़ हैं, इसलिए धारणा बन गई है कि राजनीति में बिल्कुल मत जाना। यदि कहीं पर भी गड़बड़ होती है तो लोग ताना मारते हैं कि अमुक या फलां व्यक्ति राजनीति करता है। राजनीति बदमाशी की पर्याय बन गई है। उन्होंने कहा कि राजनीति में रहना है तो कभी खाली नहीं रहना है। राजनीति कोई डेलीवेजेज में नहीं हो सकती। सवाल उठाया कि यदि अच्छे लोग राजनीति से तौबा करने लगेंगे तो समाज व देश-प्रदेश का क्या होगा।

बुरे लोगों ने बढ़ाया राजनीतिक प्रदूषण

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि हर चुनाव के बाद एफडीआर की रिपोर्ट आती है कि इतने सांसद विधायकों पर दुराचार समेत आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। उन्होंने कहा बुरे लोगों की वजह से सामाजिक-राजनीतिक प्रदूषण बढ़ा है। उन्होंने बुद्धिजीवियों व जागरूक लोगों से वोट की अपील भी की। अधिकारियों को मंत्र देते हुए कहा कि अभाव में जीने वालों की मदद करेंगे, इससे उन्हें आत्मिक संतोष मिलेगा। सेवा के दौरान सामाजिक व आर्थिक रूप से प्रभावशाली तथा समाज के अच्छे-बुरे हर तरह के लोगों से पाला पड़ेगा मगर समझदारी से रास्ता निकालना होगा। उन्होंने कहा हर काम नहीं हो सकता मगर फरियादी को लगना चाहिए कि आपकी मंशा मदद करने की है। सीएम ने कहा कि कितने ही नामी पब्लिक स्कूल हैं मगर उनके शिक्षकों को सरकारी शिक्षकों से कम वेतन मिलता है। ऐसे में जिम्मेदारी समझकर उत्तरदायित्व का निर्वहन करना चाहिए।

यह भी पढ़ें : सुशासन - पारदर्शिता व ईमानदारी को बनाएं मूलमंत्र : सीएम

chat bot
आपका साथी