ट्रैप कैमरे में तो कैद नहीं हुआ तेंदुआ, पर दस ग्रामीणों ने फोन कर बताया हमने देखा

सोनकोट के जंगल में गुलदार द्वारा महिला की जान लेने के बाद से ग्रामीणों के साथ वन विभाग भी टेंशन में आ चुका है। कैमरा व पिंजरा लगाने के बावजूद कोई सुराग नहीं लग सका।

By Edited By: Publish:Fri, 26 Jun 2020 05:56 AM (IST) Updated:Fri, 26 Jun 2020 09:11 AM (IST)
ट्रैप कैमरे में तो कैद नहीं हुआ तेंदुआ, पर दस ग्रामीणों ने फोन कर बताया हमने देखा
ट्रैप कैमरे में तो कैद नहीं हुआ तेंदुआ, पर दस ग्रामीणों ने फोन कर बताया हमने देखा

हल्द्वानी, जेएनएन : सोनकोट के जंगल में तेंदुए द्वारा महिला की जान लेने के बाद से ग्रामीणों के साथ वन विभाग भी टेंशन में आ चुका है। कैमरा व पिंजरा लगाने के बावजूद कोई सुराग नहीं लग सका। वहीं, गुरुवार दोपहर से रात तक दमुवाढूंगा, सिंचाई विभाग कॉलोनी, गोधाम, गायत्री कॉलोनी, दमुवाढूंगा बंदोबस्ती समेत दस अलग-अलग जगहों से वन विभाग की टीम को फोन पहुंचे कि यहां तेंदुअा दिख रहा है।

वनकर्मी हर सूचना पर मौके पर पहुंचे, लेकिन कुछ नहीं मिला। वहीं, फतेहपुर रेंज एकमात्र ऐसी रेंज है जिसके पास सरकारी गाड़ी तक नहीं। मंगलवार सुबह घास लेने जंगल को जा रही सोनकोट निवासी भगवती देवी को तेंदुए ने मौत के घाट उतार दिया था। तेंदुए को ट्रेस करने के लिए वन विभाग ने पहले चार कैमरा व दो पिंजरे लगाए। हालांकि, तेंदुए का कुछ पता नहीं चला।

गुरुवार दोपहर जंगल के रास्तों पर चार कैमरे और लगा दिए गए। वहीं, शाम के बाद से लगातार आसपास के इलाकों से फोन पहुंचने शुरू हुए कि तेंदुए अभी यहां दिखा था। जिसके बाद डिप्टी रेंजर किशोर गोस्वामी सभी जगहों पर टीम के साथ पहुंचे। मगर तेंदुए की मौजूदगी का कोई प्रमाण पदचिन्ह या फोटो नहीं मिले।

पूछताछ करने पर लोगों ने यहीं बताया कि अंधेरे में तेंदुआ जैसा कुछ दिखा था। इसके बाद रात नौ बजे सोनकोट के किसी ग्रामीण ने तेंदुआ दिखने की सूचना दी तो वनकर्मी वहां भी पहुंच गए। जंगल में फिर गश्त की गई, लेकिन सफलता नहीं मिली। इधर, रेंज में गश्त के लिए मिली एक मात्र जीप पिछले तीन माह से कोविड ड्यूटी में लगी है। जिससे और संकट खड़ा हो चुका है।

विधायक अमनमणि त्रिपाठी को पास जारी करने का ठीकरा डीएम ने एडीएम दून पर फोड़ा 

chat bot
आपका साथी