रानीबाग-काठगोदाम के लोगों को मिलेगा शुद्ध पानी, अत्याधुनिक मशीन लगेगी

जल संस्थान ने शहर वासियों को और अधिक शुद्ध पानी पिलाने के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं। जल्द फ़िल्टर और क्लोरीनेशन के बजाय अत्याधुनिक शोधन मशीन से पेयजल निकाला जाएगा। शुरुआत में शीतलाहाट फ़िल्टर प्लांट में इसे लगाया जाएगा।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Mon, 16 Nov 2020 02:50 PM (IST) Updated:Mon, 16 Nov 2020 02:50 PM (IST)
रानीबाग-काठगोदाम के लोगों को मिलेगा शुद्ध पानी, अत्याधुनिक मशीन लगेगी
रानीबाग-काठगोदाम के लोगों को मिलेगा शुद्ध पानी।

हल्द्वानी, जेएनएन : जल संस्थान ने शहर वासियों को और अधिक शुद्ध पानी पिलाने के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं। जल्द फ़िल्टर और क्लोरीनेशन के बजाय अत्याधुनिक शोधन मशीन से पेयजल निकाला जाएगा। शुरुआत में शीतलाहाट फ़िल्टर प्लांट में इसे लगाया जाएगा। हल्द्वानी शहर में गोला नदी, शीतलाहाट गधेरा और नलकूप से पानी की आपूर्ति होती है। गोला नदी का पानी शीशमहल स्थित फ़िल्टर प्लांट और शीतलाहाट गधेरे का पानी वहीं बनाये गए फ़िल्टर प्लांट में साफ कर लोगों को दिया जाता है। प्लांट में ही फिल्टरेशन के साथ ही पानी मे क्लोरीनेशन भी होता है। इसके बावजूद कई स्थानों से दूषित पानी की आपूर्ति की शिकायत होती है।

जल संस्थान के अधिशासी अभियंता विशाल कुमार ने बताया कि कुछ दिन पहले जिलाधिकारी ने बैठक में लोंगो को शुद्ध पानी की आपूर्ति के लिए अत्याधुनिक उपकरणों कक लगाने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद पहले चरण में शीतलाहाट फ़िल्टर प्लांट में अत्याधुनिक शोधन लगाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इस योजना को पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में लेकर दिल्ली की एक कंपनी से संपर्क किया है। कंपनी के साथ इसका करार भी कर लिया गया है। अगर शीतलाहाट फ़िल्टर प्लांट में अत्याधुनिक शोधन मशीन लगने से और अधिक शुद्ध पानी मिलने लगा तो जल्द ही शीशमहल फ़िल्टर प्लांट में भी मशीन को लगाया जाएगा।

शीतलाहाट से 2.5 एमएलडी और गोला से 30 एमएलडी पानी की आपूर्ति

अधिशासी अभियंता विशाल कुमार ने बताया कि शीतलाहाट फ़िल्टर प्लांट से 2.5 एमएलडी(25 लाख लीटर) और शीशमहल फ़िल्टर प्लांट से 30 एमएलडी(तीन करोड़ लीटर ) पानी की आपूर्ति जल संस्थान करता है। इसके अलावा जल संस्थान अपने और सिंचाई के नलकूपों से भी पानी लेकर आपूर्ति करता है। पानी की शुद्धता की जांच जल संस्थान के साथ ही नगर निगम भी समय समय करता है। अलग अलग स्थानों से पानी के सेंपल लेकर जांच कराई जाती है। जिससे लोंगो को शुद्ध पानी मिल सके।

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