Covid-19 : पॅजिटिव मिले 70 फीसद से अधिक केसों में नहीं मिला काेरोना का कोई लक्षण

पिछले 15 दिनों में रैंडम सैपलिंग पर जोर दिया जा रहा है लेकिन अधिकांश केसों में कोरोना के पहले सर्दी फीवर व जुकाम जैसे लक्षण किसी संक्रमित में नहीं पाए गए।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Tue, 26 May 2020 02:29 PM (IST) Updated:Tue, 26 May 2020 02:29 PM (IST)
Covid-19 : पॅजिटिव मिले 70 फीसद से अधिक केसों में नहीं मिला काेरोना का कोई लक्षण
Covid-19 : पॅजिटिव मिले 70 फीसद से अधिक केसों में नहीं मिला काेरोना का कोई लक्षण

काशीपुर, जेएनएन : हाल में कोराना मरीजों में लक्षण न मिलने से स्वास्थ्य विभाग भी हैरान है। पिछले 15 दिनों में रैंडम सैपलिंग पर जोर दिया जा रहा है, लेकिन अधिकांश केसों में कोरोना के पहले सर्दी, फीवर व जुकाम जैसे लक्षण किसी संक्रमित में नहीं पाए गए। काशीपुर व जसपुर के लिहाज से बात करें तकरीबन दस कोराना मरीजों में प्राथमिक स्क्रीनिंग में कोरोना का कोई भी लक्षण नहीं मिला है। चिकित्सक कोरोना के बदलते लक्षण से हैरान हैं, क्योंकि अब स्वास्थय विभाग भी सैंपलिंग के लिए अब रणनीति में बदलाव कर रहा है। यही कारण है कि रेड जोन से आने वालों रैंडम सैपलिंग की जा रही है, जिससे बिना लक्षण वालों की चिह्नित किया जा सके।

काशीपुर में कोविड के नोडल अधिकारी डॉ अमरजीत सिंह ने जागरण को बताया कि हाल में एसिम्प्टोमैटिक मरीजों में तेजी से बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। हाल में मुंबई व दिल्ली से आए मरीजों में कोरोना के शुरुआती लक्षण नहीं मिले, लेकिन हमने उन्हें आइसोलेशन में रखा और रिपोर्ट पाजिटिव आई। खास बात यह है कि इनका फीवर भी नार्मल था और सर्दी जुकाम व सांस लेने में दिक्कत भी नहीं थी।

केस-1

पहला केस एलडी भट्ट अस्पताल में नौ मई को आया जब आइसोलेशन वार्ड में भर्ती बाजपुर का एक युवक कोरोना पॉजिटिव पाया गया। यह सात मई को दिल्ली से लौटा। यह युवक दिल्ली के पहाडग़ज में एक सैलून में काम करता था। दिल्ली से लौटने पर इसे आइसोलेशन में भेज दिया गया। इस युवक में कोरोना के कोई भी लक्षण नहीं थे। ट्रेवेल हिस्ट्री की वजह से इसका परीक्षण कराया गया।

केस -2

काशीपुर में दूसरा केस 16 मई को आया। दो भाई जो मुंबई से आए थे। इन्हें भी मेट्रो सिटी के आने के चलते आइसोलेट किया गया। ये भी एसिम्प्टोमैटिक निकले। 16 मई को रिपोर्ट में एक भाई कोरोना पॉजिटिव पाया गया। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग के कान खड़े हुए और इनके साथ आए अन्य लोगों का सैंपल भेजा गया जिसमें दो अन्य भी कोरोना पॉजिटिव निकले।

केस - 3

जसपुर में एक साथ दो कोरोना संक्रमित मिले हैं। 20 मई को स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई है।15 मई को जसपुर के धर्मपुर बार्डर पर ये पहुंचे थे, जिन्हें केवीएम में क्वारंटाइन किया गया था। इनमें भी शुरुआती तौर पर फीवर या सर्दी जैसे कोई लक्षण मौजूद नहीं थे।

लक्षण न दिखने से बढ़ा खतरा

काशीपुर व जसपुर में आने वाले प्रवासियों की संख्या सबसे ज्यादा है। यहां रोज पांच हजार से ज्यादा लोग बार्डर में प्रवेश कर रहे हैं। ऐसे में सीमा पर कोरोना संक्रमण व्यक्ति की पहचान करना मुश्किल होता जा रहा है। कोरोना से संक्रमित व्यक्ति में 70 प्रतिशत से अधिक मामलों में कोई लक्षण नहीं मिला। बार्डर से गुजरने वाले लोगों की केवल थर्मल स्क्रीनिंग से यह पहचान करना मुश्किल होता जा रहा है कि सामने वाला व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव है या नहीं।

नए लक्षण पर स्वास्थ्य विभाग भी जारी कर चुका है गाइडलाइन

स्वास्थ्य विभाग में नई एडवाइजरी के अनुसार पेट में दर्द महसूस होना, गंध या स्वाद का पता न चलना, लगातार सिरदर्द महसूस, पैर में जामुनी रंग आदि भी कोरोना के शुरुआती संकेत हो सकते हैं, लेकिन यह बात तभी पता चल सकेगा, जब इससे प्रभावित व्यक्ति अपनी आंतरिक गतिविधियों या परेशानी को बताने की कोशिश करेगा।

नई रणनीति के तहत सैपलिंग बढ़ाने पर जोर

स्वास्थ्य विभाग की तरफ अब एसिम्प्टोमैटिक मरीजों के बढऩे से बार्डर एरिया में भी तेजी से सैंपलिंग प्रक्रिया बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। इसमें इनके आने के स्थान के अनुसार इनके सैंपलिंग पर जोर दिया जा रहा है। जैसे मुंबई, दिल्ली व रेड जोन एरिया से आने वाले सैंपलिंग करने के लिए पहले रडार पर रखे जा रहे हैं। वहीं उम्र के हिसाब से रैंडम सैंपलिंग पर जोर दिया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग केस हिस्ट्री पर ज्यादा जोर देने में जुटी है एक संक्रमित व्यक्ति कितने के संपर्क में आया उनकों क्वारंटाइन करने पर जोर दिया जा रहा है।

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