कोरोना के खिलाफ जंग में योद्धा की तरह डटे नंदन

कोरोना संक्रमण से खड़ी हुई चुनौती से निपटने को जहा स्वास्थ्य पुलिस व तमाम अन्य विभग मुस्तैदी से जुटे हुए हैं वंही सैँपल के नमूने लेने वाले योद्धाओं में से एक संक्रामक रोग विश्लेश्क नंदन कांडपाल भी अपना काम बखूबी कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 29 May 2020 10:37 PM (IST) Updated:Fri, 29 May 2020 10:37 PM (IST)
कोरोना के खिलाफ जंग में योद्धा की तरह डटे नंदन
कोरोना के खिलाफ जंग में योद्धा की तरह डटे नंदन

संसू, गरमपानी : कोरोना संक्रमण से खड़ी हुई चुनौती से निपटने को जहा स्वास्थ्य, पुलिस व तमाम अन्य विभाग मुस्तैदी से डटे हुए हैं। वहीं सैंपल के नमूने लेने वाले योद्धाओं में से एक संक्रामक रोग विश्लेषक नंदन कांडपाल भी अपना काम बखूबी निभा रहे हैं। कोरोना ही नहीं बल्कि इबोला व स्वाइन फ्लू के दौर में भी नंदन कांडपाल ने अपनी जिम्मेदारी का बखूबी निर्वहन किया। उनके कार्य को लोगों की सराहना मिल रही है।

नैनीताल मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय में तैनात संक्रामक रोग विश्लेषक नंदन कांडपाल कोरोना संक्रमण से लड़ी जा रही जंग में मुस्तैदी से डटे हुए हैं। वर्ष 2013 में इबोला संक्रमण के छह तथा स्वाइन फ्लू के 600 मामलों के नमूने लेने के बाद अब कोरोना संकट के वक्त नंदन के ऊपर एक बार फिर बड़ी जिम्मेदारी है। नंदन के अनुसार अभी तक कुल 1200 लोगो के सैंपल लिए हैं। बताया कि इस जिम्मेदारी में प्रोटोकॉल का विशेष ध्यान रखना पड़ता है। आजकल संक्रामक रोग विश्लेषक नंदन बेतालघाट ब्लॉक के तमाम गावों में सैंपल के नमूने लेने पहुंच रहे है।

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पत्‍‌नी संग दिव्यांग बच्चों की सेवा में भी डटे

सैंपल लेने की साथ ही संक्रामक रोग विश्लेषक एक अन्य किरदार भी निभा रहे हैं। वह हल्द्वानी में सृजन स्पास्टिक सोसायटी नाम की संस्था के सचिव भी नंदन काडपाल हैं। उन्होंने अपनी पत्‍‌नी श्रद्धा काडपाल के साथ करीब 60 दिव्यांग बच्चों को शिक्षा व रोजगार से जोड़ने का बीड़ा भी उठाया है। काडपाल दंपती का बेटा भुवनेश्वर, उड़ीसा में वाक भाषा चिकित्सक जबकि बेटी भारत सरकार में कंसल्टेंट के पद पर काम कर रही है।

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