Uttarakhand News: शांत पहाड़ पर बढ़ रहे नाबालिगों से दुष्कर्म के मामले

अल्मोड़ा में 2017 से जून 2022 तक कुल 50 मुकदमें दर्ज हुए हैं। इनमें से मात्र नौ मामलों में पीड़ित बालिग है जबकि 41 नाबालिग पीड़िता हैं। यह रेगुलर पुलिस के पास आए मामले है। राजस्व पुलिस के मामलों को जोड़ दें तो यह तीन गुना तक बढ़ सकते हैं।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Sat, 02 Jul 2022 09:31 AM (IST) Updated:Sat, 02 Jul 2022 09:31 AM (IST)
Uttarakhand News: शांत पहाड़ पर बढ़ रहे नाबालिगों से दुष्कर्म के मामले
पिछले पांच वर्षों में 80 फीसद नाबालिगों के साथ दुष्कर्म हुआ।

जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा: शांत रहने वाले पहाड़ों में भी अब अपराधों में बढ़ोतरी हो रही है। अल्मोड़ा जिले महिला संबंधी अपराध, दुष्कर्म के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। पिछले पांच वर्षों में जिले में दुष्कर्म के 50 मामले सामने आए हैं। इसमें 80 फीसद नाबालिगों के साथ दुष्कर्म हुआ।

2019 के बाद से हर वर्ष मामलों में वृद्धि हो रही है। यह रेगुलर पुलिस के पास आए मामले है। अगर राजस्व पुलिस के पास आए मामलों को जोड़ दें तो यह तीन गुना तक बढ़ सकते हैं।

2017 से जून 2022 तक जिले में दुष्कर्म के कुल 50 मुकदमें दर्ज हुए हैं। यहां अधिकतर नाबालिगों के साथ दुष्कर्म हुआ है। 50 में से नौ मामलों में पीड़ित बालिग है जबकि 41 नाबालिग पीड़िता हैं। 2017 में सबसे कम पांच तो 2021 में सर्वाधिक 13 मुकदमें दर्ज हुए हैं।

लाकडाउन के बीच भी 2020 में दुष्कर्म के आठ केस हुए हैं। वहीं 2019 के बाद हर वर्ष मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। 21 और 22 में भी काफी केस सामने आ रहे हैं। अधिकतर मामलों में आरोपितों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है।

2022 में छह माह में ही औसतन सबसे अधिक मामले

पिछले पांच वर्षों में दुष्कर्म के आंकड़ें देखें तो अब तक सबसे अधिक मामले 2021 में आए हैं। लेकिन औसतन 2022 में दुष्कर्म तेजी से बढ़ा है। इस वर्ष अब तक छह माह में ही दुष्कर्म के सात मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं।

वर्ष - पीड़िता बालिग - नाबालिग

2017 - 02 - 03

2018 - 01 - 09

2019- 00 - 07

2020- 02 - 06

2021- 03 - 10

2022- 01 - 06

कुल- 09 - 41

(नोट- 2022 के मामले 30 जून तक।)

एसएसपी अल्मोड़ा प्रदीप कुमार राय ने बताया कि दुष्कर्म के बढ़ते मामले सामने आ रहे हैं। लगातार आरोपितों की गिरफ्तारी की जा रही है। अच्छी बात यह है कि अब महिलाएं भी अपने अधिकारों के लिए आगे आने लगी हैं।

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