वित्तीय संकट में नैनीताल पालिका के लिए फांस बनी 17 लाख की देनदारी

पालिका को तीन साल पहले की कूड़ा गाडियों की रिपेयरिंग का करीब 17 लाख बकाया हल्द्वानी की फर्म को देना है। इस भुगतान का मामला केंद्र के उच्चाधिकारी के माध्यम से राज्य के आला अफसर तक पहुंचा तो वहां से पालिका पर भुगतान का दबाव बढ़ गया है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Tue, 02 Nov 2021 09:14 AM (IST) Updated:Tue, 02 Nov 2021 09:14 AM (IST)
वित्तीय संकट में नैनीताल पालिका के लिए फांस बनी 17 लाख की देनदारी
वित्तीय संकट में नैनीताल पालिका के लिए फांस बनी 17 लाख की देनदारी

किशोर जोशी, नैनीताल : वित्तीय संकट से जूझ रही पालिका पर दोहरी मुसीबत खड़ी हो गई है। पालिका को तीन साल पहले की कूड़ा गाडियों की रिपेयरिंग का करीब 17 लाख बकाया हल्द्वानी की फर्म को देना है। इस भुगतान का मामला केंद्र के उच्चाधिकारी के माध्यम से राज्य के आला अफसर तक पहुंचा तो वहां से पालिका पर भुगतान का दबाव बढ़ गया है। अब पालिका दीपावली बाद इस भुगतान के लिए बजट का इंतजाम करने में जुटी है।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश पर नैनीताल में हल्द्वानी रोड पर कूड़ा फेंकना बंद किया गया और तब से ही शहर का कूड़ा वाहनों से हल्द्वानी भेजा जाता है। पालिका के कूड़ा वाहन सामान्यत: 18 से 20 टन कूड़ा रोजाना ले जाते हैं। इन गाडिय़ों की मरम्मत पर 2018-19 में खर्च हुए करीब 17 लाख से अधिक की रकम पालिका को चुकानी है। हल्द्वानी की फर्म के संचालक को जब भुगतान नहीं मिला तो उसने भारत सरकार के अफसर से निवेदन किया। वहां से मामला राज्य में शासन के आला अफसर तक पहुंचा, जिसके बाद पालिका पर भुगतान का दबाव बढ़ गया है। ईओ अशोक कुमार का कहना है कि भुगतान के लिए बजट के इंतजाम किए जा रहे हैं।

बकाया 50 लाख मिले तो मिले राहत

इधर, नैनीताल पालिका अपने बकाया 50 लाख के मिलने की आस में बैठी है। पालिका के पार्किंग ठेकेदार पर 2015-16 का करीब 50 लाख रुपये बकाया है। यह मामला हाई कोर्ट भी पहुंचा था, जहां से आदेश पालिका के पक्ष में हुआ। इसके बाद अब यह मामला वाणिच्यिक न्यायालय देहरादून की चौखट तक पहुंच गया है।

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