तेंदुए-बाघ ने एक महीने में तीन लोगों की ले ली जान, डीएफओ ने मांगा डिप्टी रेंजर

मानव-वन्यजीव संघर्ष की लगातार हो रही घटनाओं की वजह से ग्रामीणों के अलावा वन विभाग भी चिंता में पड़ चुका है। हमलावर वन्यजीव के बाघ या गुलदार होने के असमंजस को दूर करने दूसरे दिन भी शिकारी हरीश धामी डटे रहे

By Prashant MishraEdited By: Publish:Wed, 19 Jan 2022 11:51 PM (IST) Updated:Wed, 19 Jan 2022 11:51 PM (IST)
तेंदुए-बाघ ने एक महीने में तीन लोगों की ले ली जान, डीएफओ ने मांगा डिप्टी रेंजर
डीएफओ ने जिला निर्वाचन अधिकारी को पत्र भेज डिप्टी रेंजर को चुनावी ड्यूटी से अवमुक्त करने की मांग की है।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी: फतेहपुर रेंज के जंगल में वन्यजीवों का आतंक लगातार बढ़ रहा है। एक माह के भीतर तीन लोगों की जान जाने के साथ एक महिला गंभीर रूप से घायल भी हुई। मानव-वन्यजीव संघर्ष की लगातार हो रही घटनाओं की वजह से ग्रामीणों के अलावा वन विभाग भी चिंता में पड़ चुका है। हमलावर वन्यजीव के बाघ या गुलदार होने के असमंजस को दूर करने दूसरे दिन भी शिकारी हरीश धामी डटे रहे, मगर रेंज के डिप्टी रेंजर की चुनाव ड्य़ूटी होने के कारण परेशानी का सामना भी करना पड़ रहा है। ऐसे में डीएफओ ने जिला निर्वाचन अधिकारी को पत्र भेज डिप्टी रेंजर को चुनावी ड्यूटी से अवमुक्त करने की मांग की है।

रामनगर डिवीजन की फतेहपुर रेंज में बीते वर्ष 12 दिसंबर को लीला लटवाल नाम की महिला गुलदार के हमले में गंभीर घायल हुई थी। इसके बाद 29 दिसंबर को जेडीएम स्कूल के पास रहने वाले मुकेश, 13 जनवरी को टंगर निवासी नंदी सनवाल और 17 जनवरी को बजूनिया हल्दू निवासी नत्थू लाल की हमले में जान चली गई। नत्थू की मौत को लेकर यह सवाल भी खड़ा हो रहा है कि हमलावर गुलदार की बजाय बाघ तो नहीं। हालांकि वन विभाग ने मंगलवार को ही शिकारी हरीश धामी को बुला लिया था।

बुधवार को दूसरे दिन भी आदमखोर की तलाश में जंगल को छाना गया, मगर कैमरे में कोई फोटो नहीं आने की वजह से असमंजस की स्थिति खत्म नहीं हो सकी। वहीं, जिला निर्वाचन अधिकारी को भेजे पत्र में डीएफओ रामनगर सीएस जोशी ने अब तक हुई सभी घटनाओं का जिक्र करते हुए डिप्टी रेंजर किशोर गोस्वामी को फिर रेंज में भेजने की मांग की है।

अफवाह ने टीम को दौड़ाया 

फतेहपुर रेंज से सटी आबादी में अब अफवाहों का दौर भी शुरू हो गया है। बुधवार को गांधी आश्रम के पास किसी व्यक्ति पर गुलदार के हमले की सूचना फैलने पर ग्रामीणों के अलावा वन विभाग भी टेंशन में आ गया था। जिसके बाद रेंजर केएल आर्य गांव पहुंच लोगों से पूछताछ की, मगर ग्रामीणों ने ऐसी किसी घटना से मना कर दिया। 

chat bot
आपका साथी