बागेश्वर में दिन-दहाड़े घर के आंगन में आ धमका तेंदुआ, कुत्ते पर किया वार

बागेश्वर जिले में दिन दहाड़े तेंदुआ घर के आंगन में आ धमका। उसने कुत्ते पर झपट्टा मारा पर ले न जा सका। तेंदुए की तस्तक से नीलेश्वर गांव के लोगों में दहशत का महौल है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Fri, 22 May 2020 04:51 PM (IST) Updated:Fri, 22 May 2020 08:55 PM (IST)
बागेश्वर में दिन-दहाड़े घर के आंगन में आ धमका तेंदुआ, कुत्ते पर किया वार
बागेश्वर में दिन-दहाड़े घर के आंगन में आ धमका तेंदुआ, कुत्ते पर किया वार

बागेश्वर, जेएनएन : बागेश्वर जिले में दिन दहाड़े तेंदुआ घर के आंगन में आ धमका। उसने कुत्ते पर झपट्टा मारा पर ले न जा सका। तेंदुए की तस्तक से नीलेश्वर गांव के लोगों में दहशत का महौल है। लोग डर के कारण घरों से नहीं निकल रहे हैं। उन्होंने फोन पर वन विभाग को सूचना पिंजरा लगाने की मांग की है। बता दें कि ठाकुरद्वारा के नीलेश्वर में बीते मंगलवार की रात दो तेंदुए एक साथ घुस आए थे। तब भी उन्होंने स्थानीय निवासी केशव दत्त जोशी के कुत्ते को शिकार बनाने की कोशिश की थी। तब से गांव के इर्द-गिर्द ही तेंदुए मंडरा रहे हैं।

शोर मचाने के एक घंटे बाद भागा तेंदुआ 

ठाकुरद्वारा वार्ड के नीलेश्वर गांव में तेंदुए का आतंक बढ़ गया है। शुक्रवार को करीब एक बजे तेंदुआ हरीश जोशी के आंगन में धमक गया। कुछ दूर पर बैठे कुत्ते पर झपट गया। हालांकि कुत्ते ने भागकर जान बचा ली लेकिन पंचे के वार से वह घायल हो गया। गांव में अफरातफरी मच गई। लोगों ने शोरगुल मचाया और करीब एक घंटे बाद तेंदुआ वहां से भागा।

दहशत के कारण लोग घरों में कैद

ग्रामीणों ने बताया कि तेंदुआ जलसंस्थान की टंकी के पास सेंध लगाकर बैठा है। वन विभाग को सूचना दी गई है। उन्होंने कहा कि दिन दहाड़े शहर से सटे इलाके में तेंदुए की धमक से लोग घरों में दुबक गए हैं। महिलाएं, किसान खेतों तक नहीं जा पा रहे हैं। बबलू जोशी, ललित मोहन, जर्नादन जोशी, उमेश चंद्र, सुरेश चंद्र आदि ने तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाने की मांग की है। इधर, डीएफओ एमएस झा ने कहा कि टीम को निरीक्षण को भेजा गया है। जरूरत पड़ने पर पिंजरा लगाया जाएगा।

बैडा बैडवाल के चमनपुर तोक में तेंदुए का आतंक 

चंपावत ज‍िले के बाराकोट के बैडा बैडवाल के चमनपुर तोक में तेंदुए ने दो गायों को अपना निवाला बना लिया। ग्राम प्रधान मीनाक्षी जोशी ने बताया कि मंजू देवी पत्नी स्व. प्रकाश जोशी की दो दुधास् गायों को तेंदुए ने गुस्वार को निवाला बना लिया। बताया कि मंजू देवी दूध बेचकर अपने परिवार का भरण पोषण करती है। उन्होंने वन विभाग से वार्ता कर पीडि़त को उचित मुआवजा दिलाने तथा गुलदार के आतंक से निजात दिलाने की मांग की है। ग्राम प्रधान ने बताया कि इससे पूर्व तेंदुआ पूर्णानंद जोशी तथा राम सिंह की बकरियों को भी अपना निवाला बना चुका है।

सन्नाटे के कारण दायरा नहीं समझ पा रहे तेंदुए

वन्य जीव विशेषज्ञाें का कहना है कि इन दिनों जंगल में वन्यजीवों के लिए मंगल जैसी स्थिति है। वन्यजीव विविधता के लिए मशहूर 71 फीसद वन भूभाग वाले उत्तराखंड का सूरतेहाल भी इससे जुदा नहीं है। लॉकडाउन में वन क्षेत्रों में वन्यजीव पर्यटन से जुड़ी सभी गतिविधियां पूरी तरह ठप हैं। यानी जंगलों में मानवीय दखल इन दिनों नहीं है। ऐसे में बेजुबान बेखौफ हो इधर से उधर बगैर किसी विघ्न बाधा के स्वछंद विचरण कर रहे हैं। न जंगल के बीच से गुजरने वाली सड़क की परवाह है, न रेल की। अब तो उन क्षेत्रों में वन्यजीव दिखने लगे हैं, जहां मानवीय दखल के कारण ये नजर नहीं आते थे।

सुबह कोतवाली पहुंचा तेंदुआ, शाम को नीलेश्वर में जोड़े में दिखने से दहशत 

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