कुमाऊं-गढ़वाल का आवागमन 36 घंटे रहेगा बंद, चौखुटिया पुल का मरम्मत कार्य शुरू

करीब 56 वर्षों के अंतराल में यह दूसरा मौका है जब इस पुल से यातायात बंद हुआ है। चूंकि यह पुल कुमाऊं व गढ़वाल को जोड़ता है। इसलिए लोगों को परेशानी उठानी पड़ेगी। लोनिवि के सूत्रों के अनुसार नौ अक्टूबर सुबह 10 बजे तक वाहनों का आवागमन बंद रहेगा।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Fri, 08 Oct 2021 01:34 PM (IST) Updated:Fri, 08 Oct 2021 01:34 PM (IST)
कुमाऊं-गढ़वाल का आवागमन 36 घंटे रहेगा बंद, चौखुटिया पुल का मरम्मत कार्य शुरू
नौ अक्टूबर सुबह 10 बजे तक वाहनों का आवागमन बंद रहेगा।

जागरण संवाददाता, चौखुटिया (अल्मोड़ा) : नेशनल हाईवे पर मुख्य बाजार के पास रामगंगा नदी पर बने मोटर पुल का गुरुवार शाम से मरम्मत कार्य शुरू हो गया है। पुल से गुजरने वाले छोटे-बड़े सभी प्रकार के वाहनों की आवाजाही बंद कर दी गई है। करीब 56 वर्षों के अंतराल में यह दूसरा मौका है, जब इस पुल से यातायात बंद हुआ है। चूंकि यह पुल कुमाऊं व गढ़वाल को जोड़ता है। इसलिए लोगों को परेशानी उठानी पड़ेगी। राष्ट्रीय राजमार्ग खंड लोनिवि के सूत्रों के अनुसार नौ अक्टूबर सुबह 10 बजे तक  वाहनों का आवागमन बंद रहेगा।

खैरना-कर्णप्रयाग राष्ट्रीय राजमार्ग के अंतर्गत चौखुटिया नगर के बीच रामगंगा नदी पर इस मोटर पुल का निर्माण वर्ष 1965 में हुआ है। तब इसकी वाहन भार क्षमता 16.20 टन थी। वाहनों के बढ़ते दबाव के चलते यह क्षमता काफी कम हो गई है। नतीजा धीरे-धीरे पुल जर्जर होते जा रहा है। पांच वर्ष पहले इसकी एक बार हल्की मरम्मत की जा चुकी है, लेकिन इस बीच फिर पुल का डैक स्लैब क्षतिग्रस्त हो गया है। ऐसे में खतरे को देखते हुए विभाग ने पुल का मरम्मत कार्य शुरू कर दिया है। जो नौ अक्टूबर सुबह 10 बजे तक चलता रहेगा।
फिलहाल कुमाऊं से गढ़वाल को आने-जाने वाले सभी वाहनों का मार्ग बदल दिया गया है, जो मरम्मत अवधि के दौरान चौखुटिया के बाखली से खीड़ा-खंसर व मैहलचौरी होते हुए जाएंगे तथा आएंगे। यह काफी लंबा मार्ग है, इसलिए लोगों को परेशानी उठानी पड़ेगी। इस पुल से लंबी रूट की नियमित सवारी बसें भी चलती हैं, जो प्रभावित होंगी। पुल पर पुलिस तैनात कर दी गई है।
 
पांच वर्ष पूर्व हो चुकी है पुल की मरम्मत
पूर्व में पुल के जर्जर हालत के चलते कार्यदायी विभाग राष्ट्रीय राजमार्ग खंड द्वारा पांच वर्ष पूर्व भी पुल की हल्की मरम्मत की जा चुकी है। इसमें तब जंग लगे कई लोहे के गार्डर बदले गए थे। पर इस बीच पुल फिर जर्जर हालत में पहुंच गया है। 
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