फाल्गुन माह के शुभारंभ पर हल्द्वानी में कवि गोष्ठी का आयोजन, गीतों से मुग्ध हुए श्रोता
खुद में वसंत की रौनक घोलकर लाने वाले फाल्गुन माह के शुभारंभ पर विचार वाटिका संस्था ने तोहरियासाल तल्ला में काव्य गोष्ठी आयोजित की गई। कवियों ने वसंत के स्वागत में नव कोपलें खिलाई और फूलों की खुशबू बिखेरी।
हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : खुद में वसंत की रौनक घोलकर लाने वाले फाल्गुन माह के शुभारंभ पर विचार वाटिका संस्था ने तोहरियासाल तल्ला में काव्य गोष्ठी आयोजित की गई। कवियों ने वसंत के स्वागत में नव कोपलें खिलाई और फूलों की खुशबू बिखेरी। सुंदरलाल मदन ने वसंत में होली का रंग भरते हुए होई आई होई आई, पिचकारी सजी सजी गुलालेकि थाई सुनाकर माहौल में रौनक घोली।
युवा कवि उदित पांडे ने संबंधों पर कटाक्ष करते हुए कहा गले से गले मिलकर गले काटते हैं लोग जहां, वहां दिल का लगाना मुश्किल सा लगता है। त्रिवेंद्र जोशी ने वसंत के उल्लास पर कविता पढ़ते हुए कहा ऋतुराज आपके आने से आनंदित यह संसार हुआ। रोहित केसरवानी ने प्यार पर व्यंग्य रचना चार दिन के प्यार का चौथा सुनाकर गुदगुदाया। युवा हस्ताक्षर दीपक भाकुनी दक्ष ने गीत के जरिये उत्तराखंड का परिचय कराया। य म्यर उत्तराखंड बड़ो छू महाना को दर्शकों ने तालिया बजाकर सराहा।
कवि धर्मेंद्र पांडे ने मैंने जब से तुम्हें यह हृदय दे दिया सुनाकर श्रृंगार रस घोला। मयंक कुमार ने मां का आंचल मुझे याद आता है सुनाकर मां की ममता लुटाई। बालकवि कार्तिक भट्ट ने होली पर एक बाल कविता सुना कर सबका मन मोह लिया। हॢषत पंत, वरिष्ठ कवि जगदीश चंद्र जोशी, दीपक पांडे आदि ने रचना पाठ किया। यहां परमेश्वरी प्रसाद, जानकी जोशी, पूर्णिमा पांडे, रेनू भट्ट आदि मौजूद रहे।
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