इक्कीस दिन बाद खुला जौलजीबी- मदकोट- मुनस्यारी मार्ग , दुगड़ीगाड़ में वैली ब्रिज तैयार

27 जुलाई की रात को बादल फटने से मची तबाही से बंद जौलजीबी - मदकोट -मुनस्यारी मार्ग खुल चुका है। दुगड़ीगाड़ में बीआरओ ने वैलीब्रिज तैयार कर दिया है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Mon, 17 Aug 2020 05:16 PM (IST) Updated:Mon, 17 Aug 2020 05:28 PM (IST)
इक्कीस दिन बाद खुला जौलजीबी- मदकोट- मुनस्यारी मार्ग , दुगड़ीगाड़ में वैली ब्रिज तैयार
इक्कीस दिन बाद खुला जौलजीबी- मदकोट- मुनस्यारी मार्ग , दुगड़ीगाड़ में वैली ब्रिज तैयार

पिथौरागढ़, जेएनएन : 27 जुलाई की रात को बादल फटने से मची तबाही से बंद जौलजीबी - मदकोट -मुनस्यारी मार्ग खुल चुका है। दुगड़ीगाड़ में बीआरओ ने वैलीब्रिज तैयार कर दिया है। रविवार से इस पुल से वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई है। इक्कीस दिन से अलग -थलग पड़ा बंगापानी, मदकोट क्षेत्र का सम्पर्क बहाल हो चुका है।

27 जुलाई की रात की विनाशकारी वर्षा से जौलजीबी -मुनस्यारी मार्ग में दुगड़ीगाड़ में 2015 में बना मोटर पुल बह गया था। इस पुल के बहने से तहसील बंगापानी के छोरीबगड़ से लेकर मदकोट तक का क्षेत्र अलग-थलग पड़ गया था। क्षेत्र के लगभग साठ गांवों का सम्पर्क भंग था। इस क्षेत्र में आवश्यक सामान की आपूर्ति नहीं होने से अभाव की स्थिति पैदा हो गई थी। दुगड़ीगाड़ में यातायात सुचारु करने के लिए बीआरओ द्वारा वैली ब्रिज का निर्माण प्रारंभ किया गया। शनिवार की सायं यहां पर वैलीब्रिज तैयार हुआ और रविवार से मार्ग पर वाहन चलने लगे हैं।

दस दिन में तैयार हुआ 180 मीटर लंबा वैली ब्रिज 

जौलजीबी - मदकोट- मुनस्यारी मार्ग में दुगड़ीगाड़ में दस दिन में 180 मीटर लंबा वैली ब्रिज तैयार हुआ। पुल बनाने के लिए 80 मजदूर तैनात किए गए । बीआरओ के कमांडर सोमेंद्र बनर्जी के नेतृत्व में सात जुलाई से पुल निर्माण का कार्य प्रारंभ किया गया। अस्सी मजदूरों के अलावा एक पोकलेन और क्रेन लगाई गई। पुल निर्माण के साइट इंचार्ज  ईई पीके राय, एई वीके सिन्हा , जेई आजाद और  सूरज थे।  रविवार सुबह पुल पर यातायात प्रांरभ हुआ ।

 

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