रोजगार को पंख लगे तो थमेगी पलायन की रफ्तार NAINITAL NEWS

तेजी से खाली होते पहाड़ के पीछे रोजगार का अभाव मुख्य वजह है। युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराया जाए तो बढ़ते पलायन पर रोक लग सकती है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sun, 07 Jul 2019 05:39 PM (IST) Updated:Sun, 07 Jul 2019 08:46 PM (IST)
रोजगार को पंख लगे तो थमेगी पलायन की रफ्तार NAINITAL NEWS
रोजगार को पंख लगे तो थमेगी पलायन की रफ्तार NAINITAL NEWS

हल्द्वानी, जेएनएन : तेजी से खाली होते पहाड़ के पीछे रोजगार का अभाव मुख्य वजह है। तमाम सर्वे में यह बात सामने आई है कि युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराया जाए तो बढ़ते पलायन पर रोक भले न सही लेकिन पलायन की गति को कम जरूर किया जा सकता है। सेवायोजन विभाग इस दिशा में उम्मीद की एक किरण दिखा रहा है। नैनीताल सेवायोजन कार्यालय ने वर्ष 2018-19 में नैनीताल, हल्द्वानी व रामनगर में 13 रोजगार मेलों का आयोजन किया।

हल्द्वानी व रामनगर में एक-एक मेगा रोजगार मेला भी लगाया गया। सालभर में कुमाऊं के 253 युवाओं को रोजगार मुहैया कराया गया। अधिकांश युवाओं को रुद्रपुर, काशीपुर व सितारगंज में स्थित कंपनियों में काम मिला। यह पहल आगे भी जारी रही तो पलायन की गति पर अंकुश लगने की संभावना है। जिला सेवायोजन अधिकारी प्रियंका गडिय़ा कहती हैं कि विभाग का प्रयास प्रतिष्ठित कंपनियों से संपर्क कर अधिक से अधिक युवाओं को राज्य के भीतर ही रोजगार उपलब्ध कराना है। आगामी वर्षों में भी वृहद स्तर पर रोजगार मेले आयोजित किए जाएंगे।

डेढ़ लाख परिवारों का आसरा डेयरी

पर्वतीय जिलों के लिए डेयरी स्वरोजगार का प्रमुख जरिया बन रही है। प्रदेश में साढ़े चार हजार प्राथमिक दुग्ध समितियां हैं। अधिकांश समितियां पर्वतीय जिलों में कार्यरत हैं। उत्तराखंड में डेयरी से करीब डेढ़ लाख परिवारों को रोजगार मिला है। उन्नत नस्ल के पशुओं को बढ़ावा देने से डेयरी उद्योग और आगे जा सकता है।

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