योद्धा कहलाने के हकदार नहीं तो ड्यूटी भी न लगाएं

करीब तीन माह से कोरोना से लड़ाई में शासन-प्रशासन का साथ दे रहे शिक्षा लोनिवि व सिंचाई समेत अन्य विभागों के कर्मचारी अनदेखी से खफा हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 29 May 2020 10:31 PM (IST) Updated:Fri, 29 May 2020 10:31 PM (IST)
योद्धा कहलाने के हकदार नहीं तो ड्यूटी भी न लगाएं
योद्धा कहलाने के हकदार नहीं तो ड्यूटी भी न लगाएं

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : करीब तीन माह से कोरोना से लड़ाई में शासन-प्रशासन का साथ दे रहे शिक्षा, लोनिवि, सिंचाई समेत अन्य विभागों के कर्मचारी अपनी अनदेखी से उखड़ गए हैं। शासन के इन्हें कोरोना योद्धा न घोषित करने से मामला और गरमा गया है। शासन के इस दोहरे रवैये पर रोष जताते हुए कर्मचारियों ने कोरोना योद्धा घोषित किए जाने की मांग उठाई है।

उत्तरांचल पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष धीरेंद्र कुमार पाठक ने प्रदेश अध्यक्ष प्रताप सिंह पंवार व महामंत्री पंचम सिंह बिष्ट को पत्र भेजा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि 28 मई को जारी शासनादेश में सरकार ने कोरोना ड्यूटी कर रहे प्रशासन, राजस्व विभाग के स्टाफ, तहसील कार्मिक, वन कार्मिक, शिक्षकों, आपदा प्रबंधन के साथ-साथ परिवहन विभाग के चालक एवं परिचालकों को कोरोना योद्धा घोषित किया है, जबकि, कोरोना संक्रमण काल शुरू होने के बाद से ही करीब 40 विभागों के हजारों कर्मचारी भी क्वारंटाइन सेंटरों आदि में 12-12 घंटे की ड्यूटी दे रहे हैं। इसके बावजूद सरकार ने उन्हें कोरोना योद्धा घोषित करना जरूरी नहीं समझा। इससे कर्मचारियों का मनोबल गिरा है। कहा कि यदि सरकार उन्हें कोरोना योद्धा मानती ही नहीं है तो ड्यूटी कराने का कोई औचित्य नहीं बनता। प्रदेश उपाध्यक्ष पाठक ने अध्यक्ष व महामंत्री से इस संबंध में मुख्यमंत्री को अवगत कराने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि लोनिवि, सिंचाई समेत अन्य कई विभागों के कर्मचारी भी कोरोना संक्रमण काल में अपने दायित्वों का बखूबी ढंग से निर्वाह कर रहे हैं, ऐसे में सरकार द्वारा की जा रही अनदेखी ठीक नहीं है।

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